बिहार

 अति पिछड़े एवं अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए आरक्षण जरूरी: गुंजेश्वर साह

सहरसा,08 दिसंबर। अति पिछड़ा आरक्षण मामले को लेकर जदयू जिलाध्यक्ष चंद्रदेव मुखिया के नेतृत्व में गुरूवार को परिसदन में प्रेस वार्ता आयोजित की गई।इस अवसर पर जदयू के महिषी विधायक गुंजेश्वर साह ने भी मीडिया के प्रतिनिधियों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि जदयू शुरू से ही अति पिछड़ा आरक्षण का पैरोकार रहा है। पार्टी का स्पष्ट मानना है कि देश में आधे से अधिक आबादी अति पिछड़ों की है। इस बहुसंख्यक वर्ग के सामाजिक स्वतंत्रता एवं आर्थिक बदहाली दूर किए बिना देश की कभी प्रगति नहीं हो सकती।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में अति पिछड़ा वर्ग को समाज मे अंतिम पायदान पर खड़े लोगो को मुख्यधारा में लाने के लिए पंचायती राज व्यवस्था एवं नगर निकाय चुनाव में आरक्षण लागू है। इस आधार पर अब तक कई चुनाव भी हो चुके हैं लेकिन भाजपा के लोग अति पिछड़ों के आरक्षण पर दोहरी चरित्र रखते हैं। एक सोची समझी साजिश के तहत अति पिछड़ों के आरक्षण को समाप्त कर देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि विगत दिन नगर निकाय चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा के लोग ट्रिपल टेस्ट की बात कर एवं न्यायालय में मामला दर्ज कराकर नगर निकाय चुनाव में रोक लगाने में सफल रहे। लेकिन मुख्यमंत्री के समर्पण से पुनः न्यायालय के निर्देश पर अति पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन एवं उनकी अनुशंसा के आलोक में नगर निकाय चुनाव की घोषणा हुई। इस घोषणा से भाजपा का दोहरा चरित्र फिर से उजागर हुआ है। भाजपा के लोग कई मनगढंत सवाल खड़े कर रहे हैं। कभी पुनः नामांकन की बात तो कभी आयोग की अनुशंसा पर सवाल कर अति पिछड़ा आरक्षण समाप्त करने की साजिश में लगे हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अति पिछड़ा वर्ग को जो आरक्षण दिया है वह लागू रहेगा।साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक इस राज में 1952 से अब तक कई विद्वान मुख्यमंत्री हुए हैं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार युग दृष्टा हैं। जिन्होंने नारी स्वतंत्रता एवं उत्थान के लिए महिला आरक्षण बिल लाकर उन्हें स्वतंत्रता दिलाई।

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