राई इंडस्ट्री एरिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) लागू करने का विरोध जताते हुए समाधान की मांग की
राई । दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से रोकने के लिए एनजीटी के निर्देश पर 1 अक्टूबर से ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) लागू किया गया है। जिससे बॉयलर से चलने वाली फैक्ट्री बंद हो जाएंगी। जहां एक तरफ से लगातार उद्योगपति बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ से एनजीटी द्वारा जिले में बायलर से चलने वाली फैक्ट्री बंद करने के निर्देश एक तारीख से लागू हो गए हैं। जिससे परेशान होकर शनिवार को राई इंडस्ट्री एरिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन की उद्योगपति एवं प्रधान राकेश देवगन की अध्यक्षता में एसोसिएशन के पदाधिकारियों व फैक्ट्री संचालकों की बैठक हुई । बैठक में उद्योगपतियों ने सरकार से फैक्ट्री मालिकों की समस्या के समाधान की मांग की। प्रधान राकेश देवगन ने संबोधित करते हुए कहा कि हालात ऐसे हो गए हैं कि फैक्ट्री मालिक अपनी फैक्ट्रियों पर काला दिवस मनाने को मजबूर है और सभी फैक्ट्री मालिक के कल सुबह से ही अपनी फैक्ट्रियों पर काले झंडे लगाएंगे और वही उद्योगपतियों ने कहा है कि उद्योगों में बिजली की सप्लाई सुचारू न होने और बॉयलर फैक्ट्री बंद करने के चलते उद्योगपति काली दिवाली मनाने को मजबूर होंगे और आरोप लगाया है कि सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनसे बातचीत नहीं कर रहा है। प्रधान राकेश देवगन ने कहा कि राई, कुंडली, नाथूपुर,बड़ई, मुरथल और सोनीपत इंडस्ट्री एरिया में उद्योगपतियों के सामने बड़े चैलेंज सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या राई और कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में बिजली ना मिलने के चलते उद्योगपति पलायन करने को मजबूर हैं और जहां एक तरफ से बिजली विभाग अपनी लचर व्यवस्था के कारण है । औद्योगिक क्षेत्र में बिजली सप्लाई नहीं कर पा रहा है। जिससे उद्योगों का मैन्युफैक्चरिंग प्रभावित हो रहा है । जज
उद्योगपतियों का कहना है कि ड्राई और कुंडली में पहले ही उद्योगपति बिजली संकट झेल रहे हैं ऐसे में जनरेटर बंद करने की नौबत आई तो फैक्ट्री नहीं चला पाएंगे और ऐसी सूरत में फैक्ट्री को बंद कर सड़क पर उतरना पड़ेगा । उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में लगातार बिजली की समस्या के चलते समस्या से परेशान उद्योगपतियों का यह भी कहना है कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब दीवाली जैसे साल भर के त्यौहार पर काली दिवाली मनाने को मजबूर होंगे। इस मौके पर उद्योगपतियों ने एसोसिएशन के फैसले का समर्थन किया।