संघ प्रमुख भागवत की मुस्लिम विद्वानों से मुलाकात काफी सकारात्मक पहलः अकील अहमद
नई दिल्ली, 23 सितंबर । राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) के निदेशक प्रो. अकील अहमद ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की मुस्लिम बुद्धिजीवियों, मौलानाओं और मदरसों के छात्रों से मुलाकात काफी सकारात्मक पहल है। उनके जरिए मुस्लिम समाज को हिंदुस्तान की तरक्की और समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान करना स्वागतयोग्य कदम है। इस प्रकार की पहल किया जाना आधुनिक हिंदुस्तान का आगाज है।
प्रो. अहमद ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान देश के तमाम मौलानाओं और बुद्धिजीवियों का आह्वान किया कि देश और कौम की तरक्की के लिए हमें अपनी नस्लों को रूढ़िवादिता और दकियानूसी विचारों से बाहर लाना होगा। मुस्लिम समाज और कौम की भलाई के लिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छा ज्ञान देना चाहिए। देश की तरक्की के लिए कार्य करना चाहिए तभी भारत विश्वगुरु बनेगा। जैसा कि डॉ. भागवत ने कहा है कि हिंदुस्तान विश्वगुरु तभी बनेगा जब देश का मुसलमान अपने तमाम हिंदू भाइयों के साथ मिलकर इस देश की तरक्की में भागीदार बनेगा।
प्रो. अहमद ने भारतीय मुसलमानों विशेषकर मौलानाओं का आह्वान करते हुए कहा कि फिरकापरस्त और मौकापरस्त नेताओं से सावधान रहें। उनसे कौम की आने वाली पीढ़ियों को खतरा है। मुस्लिम कौम की तरक्की को ऐसे लोगों से खतरा है जो हिंदू-मुस्लिम में भेदभाव करते हैं और नफरत की राजनीति करते हैं। आज हमारे हिंदुस्तान को एक ऐसे रामराज्य की जरूरत है जैसा डॉ. भागवत चाहते हैं। हम सब मिलकर रहें और देश की तरक्की करें जिसमें कोई भेदभाव ना हो। ऐसा तभी संभव है जब हम सब मिलकर उन मौकापरस्त राजनेताओं को सबक सिखाएंगे जो हिंदू-मुस्लिम एकता को खंडित करना चाहते हैं। हमें मिलकर हिंदुस्तान की तरक्की के लिए एक नया इतिहास रचना है।