आत्मनिर्भर भारत तब बनेगा जब हमारे किसान नई तकनीकें अपनाएंगे: ओम बिरला
कोटा, 24 जनवरी। आत्मनिर्भर भारत तब बनेगा जब हमारे किसान नई कृषि परंपराएं, नवाचार, मूल्य संवर्धन, प्रति बूंद अधिक फसल आदि पद्धति का प्रयोग करें।
यह बात लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कोटा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और राजस्थान सरकार के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कृषि महोत्सव-प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण के उद्घाटन पर कही।
इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। अन्न उत्पादन में हमारा देश सबसे आगे है। बदलते परिप्रेक्ष्य के अंदर हमारा संकल्प यही होना चाहिए कि आधुनिक विरासत का उपयोग करते हुए, नवाचारों का उपयोग करते हुए हमें दुनिया में अग्रिम पंक्ति का देश बनना है। ओम बिरला ने फल उद्यान, स्टार्टअप, ड्रोन के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा स्टार्टअप के माध्यम से हमने कही पर लागत को कम करने का काम किया है, तो कहीं उत्पादन को बढ़ाने का काम किया है, कहीं प्रोसेसिंग तो कहीं मूल्य संवर्धन का काम किया है।
बिरला ने कहा कि हम भारत में हाड़ौती को हरित, श्वेत और नील क्रांति का अग्रणी केंद्र बनाएंगे। हम चाहते हैं कि हाड़ौती का किसान फसल और दुग्ध का उत्पादन करे, मछली पालन करे, फिर प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन के माध्यम अच्छी आय प्राप्त करे। इसके लिए हम किसानों के साथ खड़े हैं। हम किसानों तक गुणवत्तापूर्ण बीज पहुंचाएंगे, नई तकनीक पहुंचाएंगे, हर वह जानकारी पहुंचाएंगे जो उन्हें कम भूमि और कम लागत पर अधिक उत्पादन और अधिक आय प्राप्त करने के लिए समर्थ बनाए। यह हमारा सपना है जो आज नहीं तो कल जरूर पूरा होगा।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, भारतीय कृषि की उन्नति के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कई महत्वपूर्ण योजनायें क्रियान्वित की हैं। यह किसानों के प्रति समर्पण एवं उनकी आय में वृद्धि करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की दिशा में अग्रसर होने का प्रमाण है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बजटीय आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। वर्ष 2013-14 में कृषि मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का संयुक्त बजट आवंटन रुपये 30,223.88 करोड़ था जो वर्ष 2022-23 में 4.59 गुना से अधिक बढ़कर रुपये 1,38,920.93 करोड़ कर दिया गया है।
राजस्थान सरकार कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि किसान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए नवीन तकनीक, नवाचार, पशुपालन, परंपरागत खेती की जरूरत है, जिसका समावेश यहां रखा गया है। स्टार्टअप के माध्यम से किसानों को जानकारी मिलेगी की किस तरह भंडारण किया जाए, कैसे कम पानी में खेती की जाए, कम लागत के अंदर खेत को जोता जाए।
राजस्थान सरकार सहकारिता विभाग राज्य मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि कृषि विभाग और सहकारिता विभाग दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। ऐसे मेलों के आयोजन से किसानों को शिक्षित किया जाए जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला और केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने स्वयं ड्रोन उड़ाकर ड्रोन प्रदर्शन का विमोचन किया।
इस प्रदर्शनी में 150 स्टाल किसानों को कृषि सम्बन्धी अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए लगाये गए हैं। कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए इस प्रदर्शनी में 75 स्टॉल स्टार्टअप के लगाये गए हैं जो प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताओं में से एक है। इस कृषि महोत्सव में आयोजित प्रदर्शनी के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी स्टालों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। साथ ही निजी क्षेत्र की कृषि के विभिन्न आदानों की आपूर्ति से सम्बंधित कंपनियों व संस्थाओं भी अपने उत्पादों को स्टालों के प्रदर्शित किया है।
दो दिवसीय कृषि महोत्सव, प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण के विधिवत् उदघाटन के तत्पश्चात कृषि, उद्यान, पशुपालन एवं डेयरी इत्यादि विषयों पर आधुनिक व वैज्ञानिक कृषि तकनीकियों बाबत तीन प्रशिक्षण कक्षों में समानांतर कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये। आज दोपहर बाद तीनों सभागार कक्षों में दो-दो प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये। विभिन्न विषयों के विषय विशेषज्ञों द्वारा किसानों को लाभकारी खेती के गुर सिखाए गये। फसल उत्पादन में गुणवत्ता युक्त बीजों के योगदान, किसान उत्पादक संगठन किसान बाजार, कोटा संम्भाग में अमरूद एवं आंवला की उन्नत खेती, जलवायु स्मार्ट खेती पद्धतियां, अतिरिक्त आय के लिए भेड़ पालन तथा टिकाऊ खेती में नैनो यूरिया का महत्व एवं उपयोग इत्यादि विषयों में कुल 6 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गए।
सैमुअल प्रवीण कुमार, संयुक्त सचिव (विस्तार), कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार ने स्वागत भाषण दिया। दिनेश कुमार, प्रमुख सचिव (कृषि), राजस्थान सरकार ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी साझा की।एस रुक्मणि, संयुक्त सचिव (एम एंड टी), कृषि एवं किसान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा धन्यवाद संबोधन दिया गया।