बिहार

मैथिली भाषा को नया आयाम को लेकर पीजी सेंटर मे एकल काव्य पाठ

सहरसा,25 अगस्त। पीजी सेंटर के सभागार में मैथिली साहित्य के मूर्धन्य कवि,लेखक, समालोचक एवं नाटककार प्रो.डॉ.इंद्रकांत झा को पाग,माला व पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया। सभागार में मौजूद विद्वान शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं के बीच प्रो. डॉ इंन्द्र कांत झा द्वारा एकल काव्य पाठ किया गया।प्रो. डॉ इंद्रकांत झा पटना विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के साथ-साथ कई पदों को सुशोभित कर चुके हैं। इन्हें साहित्य अकादमी दिल्ली,राजभाषा विभाग द्वारा विद्यापति पुरस्कार सहित विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

एकल काव्य पाठ के क्रम में प्रो. डॉ श्री झा ने बताया कि उन्होंने लगभग एक सौ पुस्तकों की रचना की है। गद्य, पद्य, समालोचना, नाटक एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं पर इनकी लेखनी प्रकाशित हुई है। केवल महाकवि विद्यापति जी पर इन्होंने 13 पुस्तकों की रचना की है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ.संजय कुमार मिश्र ने कहा इन्द्र कांत बाबू बहुत ही संवेदनशील व्यक्ति हैं। मैथिली साहित्य में इनकी रचनाएं काफी प्रसिद्ध हुई है। पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ रणजीत सिंह ने कहा हमारी संस्कृति में गुरु को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इंद्रकांत बाबू का एकल काव्य पाठ पीजी सेंटर के लिए हमेशा स्मरणीय रहेगा।

एकल काव्य पाठ कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ.कुलानंद झा ने कहा इंद्रकांत बाबू ने विभिन्न विधाओं में अपनी लेखनी से मैथिली भाषा को नया आयाम दिया है। इन्होंने अपनी कविता में नारी सशक्तिकरण को प्रमुखता से स्थान दिया है। कार्यक्रम में डॉ सी पी सिंह, डॉ धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ प्रफुल्ल कुमार, विजय कुमार ठाकुर, डॉ लीना सिंह, डॉ रेणु झा, डॉ प्रशांत कुमार मनोज, डॉ अर्चना चौधरी,संजय वशिष्ट, डॉ हर्षवर्धन, प्रो अंशु कुमारी, सत्य प्रकाश सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं शामिल थे।

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