राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री ने मंगलुरु में 3700 करोड़ की परियोजनाओं का किया उद्घाटन और शिलान्यास

नई दिल्ली, 02 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार) मंगलुरु में लगभग 3700 करोड़ रुपये की लागत वाली यांत्रिकीकरण और औद्योगिकरण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री नव मंगलूर पत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित कंटेनरों और अन्य माल के प्रबंधन के उद्देश्य से बर्थ नं. 14 के यांत्रिकीकरण के लिए 280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजना का उद्घाटन किया। यांत्रिकीकरण हो जाने से टर्मिनल की कुशलता बढ़ेगी, माल को उतारने-चढ़ाने में कम समय लगेगा, बर्थ पर माल पहुंचाने से पहले होने वाली प्रक्रिया में विलंब नहीं होगा तथा बंदरगाह पर माल रखे होने के समय में लगभग 35 प्रतिशत कमी आ जाएगी। इस तरह कारोबार करने का माहौल सुधरेगा। इस परियोजना का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इस तरह माल प्रबंधन क्षमता 4.2 एमटीपीए से अधिक हो गई है, जो 2025 तक 6 एमटीपीए तक और बढ़ जाएगी।

प्रधानमंत्री ने बंदरगाह संचालित लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत वाली पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया। शानदार क्रायोजेनिक एलपीजी स्टोरेज टैंक टर्मिनल से युक्त एकीकृत एलपीजी और बल्क लिक्विड पीओएल सुविधा-केंद्र, 45 हजार टन के पूरी क्षमता वाले वीएलजीसी (विशाल गैस वाहक पोतों) को भरने तथा खाली करने का काम पूरी कुशलता से करने लगेंगे। इन सुविधाओं से क्षेत्र में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को भी बल मिलेगा था देश में इस बंदरगाह की स्थिति सर्वोच्च एलपीजी आयातक बंदरगाह के रूप में हो जायेगी।

प्रधानमंत्री ने भंडारण टंकियों तथा खाद्य तेल शोधन संयंत्र, तारकोल भंडार व सम्बंधित सुविधा-केंद्रों, तारकोल और खाद्य तेल भंडार व सम्बंधित सुविधा-केंद्रों के निर्माण की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। इन परियोजनाओं से तारकोल और खाद्य तेल वाहक पोतों का कामकाजी समय कम होगा तथा माल-भाड़े में कमी आयेगी। प्रधानमंत्री ने कुलाई के मत्स्य बंदरगाह के विकास के लिये आधारशिला रखी। इसके जरिये मछली पकड़ने और विश्व बाजार में उनकी बेहतर कीमत मिलने की संभावना बढ़ जायेगी। यह कार्य सागरमाला कार्यक्रम के तहत किया जायेगा और मछुआरा समुदाय के सामाजिक-आर्थिक लाभ के लिये महत्वपूर्ण होगा।

प्रधानमंत्री ने मंगलूर रिफायनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड द्वारा संचालित दो परियोजनाओं, यानी बीएस-6 उन्नयन परियोजना तथा समुद्री जल विलवणीकरण परियोजना का उद्घाटन किया। बीएस-6 उन्नयन परियोजना लगभग 1830 करोड़ रुपये की है, जिससे बीएस-6 मानक वाला पर्यावरण के लिये अत्यधिक शुद्ध ईंधन तैयार होगा। इसमें सल्फर की मात्रा 10 पीपीएम से कम होगी। इसी तरह लगभग 680 करोड़ रुपये की लागत वाली समुद्री जल विलवणीकरण परियोजना से ताजे पानी पर निर्भता कम होगी तथा साल भर हाइड्रोकार्बन व पेट्रोरसायनों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित होगी। प्रति दिन 30 मिलियन लीटर की क्षमता वाले इस संयंत्र में समुद्री-जल को, शोधन प्रक्रिया के लिये आवश्यक सामान्य जल के रूप में परिवर्तित किया जायेगा।

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