स्वामी विवेकानंद के विश्व बंधुत्व की एसआरएम विश्वविद्यालय में गूंज
कार्यक्रम के दौरान मौजूद कुलपति प्रोफेसर परमजीत सिंह जसवाल व अन्य अतिथिगण।
राई। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी स्थित एसआरएम विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर परमजीत सिंह जसवाल के निर्देशानुसार स्वामी विवेकानंद द्वारा अमेरिका के शिकागो में 11 सितंबर 1893 में विश्व धर्म संसद में प्रदन्त भाषण को विश्वविद्यालय सभागार में विश्व बंधुत्व के रूप में मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में बी आर अंबेडकर राष्टÑीय विधि विश्वविद्यालय सोनीपत के रजिस्ट्रार डॉ अमित कुमार कम्बोज ने शिरकत की। अध्यक्षता एसआरएम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार व डीन शैक्षिक प्रोफेसर डॉ वी सामुअल राज ने की विशिष्ट अतिथि के रुप में प्रवेश व प्रशासन के निदेशक मनोज माधवनकुट्टी, हरियाणा साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ पूर्णमल गौड, पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ डी. वी सिंह व के तिलक राज, नगर संचालक, आरएसएस उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता के रूप में राष्टÑीय कवि संगम के राष्टÑीय महासचिव हिन्दू कॉलेज रोहतक के पूर्व प्राचार्य व विवेकानंद साहित्य के पुरोधा विद्वान डॉ अशोक बत्रा को आमंत्रित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ अमित कुमार ने युवाओं के प्रेरणा प्रतीक, सनातन हिंदू धर्म, भारतीय संस्कृति, माननीय उत्कृष्ट ज्ञान परंपराओं के प्रखर व्याख्याता स्वामी विवेकानंद के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता डॉ अशोक बत्रा ने स्वामी विवेकानंद के जीवन साहित्य पर गहन चिंतन, मंथन लेखन व राष्टÑीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन के अपने अनुभवो का विशद प्रस्तुतीकरण किया। प्रोफेसर सामुअल राज ने बताया कि यह विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को प्रारम्भ से ही राष्टÑीय युवा दिवस के रुप में मनाया रहा है। विशिष्ट अतिथि मनोज माधवन कुट्टी ने स्वामी जी विश्वभ्रमण, आध्यात्मिक जीवनचरित्र, धर्म ग्रंथों की शोधात्मक व्याखयाओ का उल्लेख किया। विभिन्न प्रतियोगिता जैसे कि कोलाज बनाना, पोस्टर स्लोगन लिखना, कविता व निबन्ध लेखन आयोजित की गई तथा हर एक गतिविधि के लिए प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाल विधार्थियो को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द साहित्य विश्वविद्यालय ज्ञानोदय में एक स्थान पर सजाया गया।