जहरीली शराब से दलितों-गरीबों की मौत पर मांझी-माले ने क्यों साध ली चुप्पी : सुशील मोदी
पटना, 16 दिसम्बर। पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि बिहार के तीन जिलों में जहरीली शराब पीने से जिन 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, उनमें अधिकतर दलित, आदिवासी, गरीब और पिछड़े समाज के लोग हैं लेकिन जीतन राम मांझी, भाकपा (माले) और माकपा जैसे दलों ने सत्ता में बने रहने के लिए गहरी चुप्पी साध ली। जहरीली शराब ने इनकी आत्मा को भी मार डाला।
सुशील मोदी ने कहा कि जो मांझी शराबबंदी के विरुद्ध रोज बयान देते थे और कहते थे कि पाव भर शराब पीने में कोई बुराई नहीं, वे जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार को सान्त्वना देने तक नहीं गए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मरने वालों के प्रति संवेदना प्रकट करना तो दूर, उनके परिवारों के प्रति भी कठोरता दिखायी।
सुशील मोदी कहा कि अगर “जो पीयेगा, वह मरेगा”, तो क्या “जो पलटी मारेगा, वही राज करेगा ?” मुख्यमंत्री जी, इतने संवेदनहीन मत बनिए। उन्होंने कहा कि जब सड़क दुर्घटना में मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा मिलता है, तब जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार को इससे वंचित क्यों किया जा रहा है?
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार शराब का उत्पादन, तस्करी और बिक्री तो रोक नहीं पा रही है लेकिन भाजपा शासित राज्यों पर अनर्गल दोषारोपण कर रही है। उन्होंने कहा कि क्या यूपीए शासित झारखंड और टीएमसी शासन वाले पश्चिम बंगाल से आने वाली शराब गंगा जल है? जहरीली शराब से सैकड़ों गरीब परिवार तबाह हो गए, जबकि पूरा महागठबंधन इस मुद्दे पर केवल राजनीति कर रहा है।