हरियाणा

जींद आगामी 8 अगस्त को प्रात: 11 बजे रोहतक स्थित रोडवेज भवन में हरियाणा प्रदेश के रिटायर्ड कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के  प्रतिनिधियों की अहम बैठक होगी। इस बैठक में राज्य स्तरीय रिटायर्ड कर्मचारी तालमेल कमेटी बनाने बारे विचार-विमर्श किया जाएगा ताकि रिटायर्ड कर्मचारियो/अधिकारियों की मांगों एवं समस्याओं बारे संयुक्त रूप से पुरजोर तरीके से एक होकर आवाज उठाई जा सके और सरकार से समाधान करवाया जा सकें। इस आशय का फैसला जाट धर्मशाला जींद में प्रदेश के रिटायर्ड कर्मचारियों की विभिन्न संगठनों की हुई मीटिंग में लिया गया। इस मौके पर जिला हिसार के सारंगपुर निवासी शहीद डीएसपी सुरेन्द्र बिश्नोई की मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त किया गया और अवैध खनन रोकने पर उनकी डंपर से कुचलकर हत्या को अत्यन्त निंदनीय करार दिया गया। इसके अलावा महान शिक्षक एवं समाज सुधारक लोकमान्य बाल गंगाधरतिलक व अमर बलिदानी चन्द्रशेखर आजाद की जयन्ती पर उन्हें शत-शत नमन किया गया। इस बैठक में रिटायर्ड कर्मचारियों के हितों बारे चर्चा की गई और मांगों व समस्याओं के समाधान बारे एकजुटता का परिचय देते हुए स्टेट लेवल पर रिटायर्ड कर्मचारी तालमेल कमेटी के गठन करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी 8 अगस्त की राज्य स्तरीय बैठक में रिटायर्ड कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के राज्य प्रधान,राज्य महासचिव/सचिव या संगठन द्वारा अनुमोदित किया अन्य प्रतिनिधि अवश्य शामिल हों। रिटायर्ड कर्मचारी संयुक्त मंच के राज्य उप-प्रधान मियांसिह खटकड, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के प्रधान छाज्जूराम नैन,हरियाणा पैंशनर्ज समाज के राज्य वरिष्ठ उप-प्रधान भलेराम बूरा, रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी एसोसिएशन के जिला प्रधान प्रेमसिंह बांगड़,राजकीय रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी एसोसिएशन जींद के जिला प्रधान किताबसिंह भनवाला,मुख्य सलाहकार एवं डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र कुमार वर्मा,महासचिव कुलदीपसिंह गोयत, हरियाणा पैंशनर्ज वैलफेयर एसोसिएशन जींद के प्रधान बृजभूषण गोयल,रिटायर्ड कर्मचारी संगठन  के राज्य संगठन सचिव अजीतसिंह नेहरा, सियाराम शास्त्री, चांदरूप मलिक, व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। रिटायर्ड कर्मचारियों की मुख्य मांगों में कम्यूटेशन की रिकवरी 15 वर्षों की बजाय 12 वर्षों में करने, पुरानी पैंशन बहाल करने,पैंशन रिवीजन की विसंगतियों को दूर करना, 65,70,75 वर्ष आयु क्रमशः 5,10,15 प्रतिशत की पैंशन में बढौतरी करना, मैडीकल भत्ता 1000 से बढ़ाकर तीन हजार करना, सभी बीमारियों के लिए कैशलेस मैडीकल सुविधा लागू करना, मैडीकल भत्ता और डी आर को आय में शामिल न करना, फैमिली पैंशन के लिए भी एलटीसी का प्रावधान करना, बुढापा सम्मान भत्ते में आय की कोई शर्त न लगाना, माननीय हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये निर्णयों का सामान्यीकरण कर सभी पर लागू करना व अन्य मांगें शामिल रही।

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