केजरीवाल सरकार व एमसीडी के स्कूलों में ‘मिशन मोड’ में चला मिशन बुनियाद
नई दिल्ली, 30 जून । मिशन बुनियाद कार्यक्रम ने कोरोना के दौरान पिछले दो सालों में बच्चों में आए लर्निंग गैप को कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के साथ-साथ एमसीडी स्कूलों में भी मिशन बुनियाद का क्रियान्वयन काफी बेहतर तरीके से किया गया जिसके शानदार नतीजे देखने को मिले है।
इस बाबत गुरुवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती, शिक्षा सचिव अशोक कुमार एवं शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता सहित शिक्षा विभाग के अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की और सभी की मिशन बुनियाद के सफल कार्यान्वयन को लेकर सराहना की।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल गर्मियों की छुट्टियों में मिशन बुनियाद को दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूलों में ‘मिशन मोड’ में चलाया गया जिसका शानदार रिजल्ट देखने को मिला है, और हमारे स्कूलों के लाखों बच्चों को इसका फायदा हुआ है व उनके लर्निंग लेवल में सकारात्मक सुधार आया है। इसका सारा श्रेय हमारे शिक्षा विभाग व एमसीडी के शिक्षकों व स्कूल प्रमुखों को जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता हमारे लिए अवसर है कि यदि हमारे शिक्षा विभाग व एमसीडी के स्कूल इस तरह ही साथ मिलकर काम करें तो बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार करने में बड़ी मदद मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्राथमिक स्तर पर ज़्यादातर बच्चे एमसीडी स्कूलों में ही होते है। कोरोना के पिछले 2 सालों में यहां बच्चों के लर्निंग में काफी गैप देखने को मिला। इस गैप को कम करना काफी चैलेंजिंग था लेकिन शिक्षकों ने इसपर बेहतर काम किया है। उन्होंने शिक्षा निदेशालय व एमसीडी के स्कूलों में मिशन बुनियाद की कक्षाओं को दो महीने तक और संचालित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि हमें पूरी दिल्ली के लिए एक मिनिमम बेंचमार्क स्थापित करने की जरुरत है कि हमारे स्कूल चाहे वो एमसीडी के स्कूल हो या शिक्षा निदेशालय के स्कूल का हर बच्चा कम से कम भाषा व बुनियादी गणित में दक्ष हो। इसके लिए हर स्कूल प्रमुख अपनी खुद की एक योजना बनाए और उसके बेहतर कार्यान्वयन पर फोकस करें।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा आंकड़ों के अनुसार शिक्षा निदेशालय के स्कूलों के कक्षा 3 से 5 तक के 88 प्रतिशत बच्चे व एमसीडी के स्कूलों के 78 प्रतिशत बच्चे जो कम से कम शब्द पहचानने या उससे ऊपर पढ़ पा रहे है, 2 महीने के प्रयास के बाद अपनी किताब पढ़ पाएंगे।
वही कक्षा 6 से 9 तक के 90 प्रतिशत बच्चे जो अभी कम से कम एक छोटा पैराग्राफ पढ़ सकते है वो फोकस्ड प्रयास से अगले दो महीने में अपनी किताबें पढ़ सकेंगे।
मिशन बुनियाद के तहत बच्चों के लर्निंग गैप को कम करने के लिए आगे का प्लान
– स्कूलों में 31 अगस्त तक चलेगा मिशन बुनियाद, अगस्त के अंत में होगी समीक्षा।
-जुलाई में एससीईआरटी ‘टारगेटेड पेडागोजिकल अप्रोच’ के लिए एमसीडी और डीओई के टीचर्स के साथ करेगी ट्रेनिंग सेशन का आयोजन।
-टीचर्स साप्ताहिक रूप से करेंगे प्रत्येक बच्चे का असेसमेंट, पूरी असेसमेंट प्रक्रिया पर स्कूल प्रमुख रखेंगे नजर।
-दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूलों में पेरेंट्स के साथ उनके बच्चों के सीखने के स्तर को साझा करने के लिए जुलाई महीने में मेगा पीटीएम का होगा आयोजन।
-स्कूल खुलते ही बच्चों पर नहीं लादा जाएगा सिलेबस का बोझ, कांसेप्ट व स्किल्स के बीच के गैप को कम करने के लिए कक्षा-वार पाठ्यक्रम को किया जाएगा कम।