उत्तर प्रदेश

“एक अजीब दास्तां” नाटक में दिखा सामाजिक विसंगतियों का द्वंद

–नगर की दस विभूतियों को किया गया सम्मानित

प्रयागराज, 22 जुलाई। कला व संस्कृति में सक्रिय संस्था “आस्था समिति“ द्वारा दो दिनी आयोजन “लोकरंग बहार“ के समापन पर शुक्रवार को नाटक ‘एक अजीब दास्तां’ का मंचन किया गया। कविता यादव की परिकल्पना एवं निर्देशन में प्रस्तुत नाटक के माध्यम से समाज में फैली विसंगतियों और कुरीतियों के कारण आम जनों के मन के अंतर्द्वंदो को बहुत मार्मिक रूप में प्रस्तुत किया गया।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चर्चित हास्य व्यंगकार अख्तर अली द्वारा लिखित नाटक “एक अजीब दास्तां“ में बदलती सामाजिक परिस्थितियों, हर तरफ व्याप्त विसंगतियों एवं विकृतियों के चक्रव्यूह में फंसकर सामान्य व्यक्ति बड़ी ही उहापोह की जिंदगी जीने को मजबूर हो रहा है। उसके मन में अनगिनत सवाल उठ रहे हैं। उन सवालों के जवाब वह मांगे भी तो किससे। इन्हीं मुद्दों को आधार बनाकर नाटक में एक अदालत का सीन क्रिएट किया गया। कहानी एक जज, वकील और व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है। कटघरे में वह व्यक्ति आरोपी है और उसका दावा है कि उसने ईश्वर की हत्या कर दी। क्या कोई व्यक्ति ईश्वर की भी हत्या कर सकता है ? यही एक सबसे बड़ा सवाल उठता है। नाटक “एक अजीब दास्तां“ अज्ञान का विध्वंस और धर्म की स्थापना के मकसद को लेकर मंच पर आता है, इसमें कुछ सुलगते सवाल है, लेकिन उनका संतोषजनक जवाब भी दिया गया है।

इस अवसर पर विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली नगर की 10 विभूतियों को “विशिष्ट सेवा सम्मान“ से सम्मानित किया गया। जिसमें अनिल कुमार गुप्ता “अन्नू भैया“, धनंजय चोपड़ा, डॉ बी.बी अग्रवाल, पंकज जायसवाल, गुलाम सरवर, बांके बिहारी पांडे, कौशल कुमार गुप्ता, नाजिम अंसारी, विनय कुमार श्रीवास्तव एवं संजय चौधरी रहे।

–लोककला हमारे ग्रामीण परिवेश तथा परम्पराओं को दर्शाती है : अतुल द्विवेदी

बतौर मुख्य अतिथि अतुल द्विवेदी निदेशक, लोक कला एवं जनजातीय कला संस्कृति संस्थान उत्तर प्रदेश ने कहा कि लोककला हमारे देश की मूल संस्कृति को दर्शाती है। यह उमंग और उल्लास भरी कला है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह कला सीधे तौर पर हमारे ग्रामीण परिवेश तथा परम्पराओं को दर्शाती है। हम सब का कर्तव्य है कि इस कला को विलुप्त होने से बचाएं। संजय गुप्ता पूर्व विधायक, चायल कौशाम्बी ने कहा कि नाटक में वर्तमान परिस्थितियों को बहुत सुंदर और कुशलता के साथ प्रस्तुत किया गया है। टीम के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं।

अन्य अतिथियों में अजामिल ब्यास, अतुल यदुवंशी, कल्पना सहाय, शैलेश श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार बंसल एवं अजय केसरवानी ने नाटक के सभी पात्रों की भरपूर सराहना की। अंत में संस्था के महासचिव गायक मनोज गुप्ता ने “आस्था समिति“ के कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया तथा धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन राष्ट्रीय कवि डॉ श्लेष गौतम ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker