परिवार पहचान पत्र के जरिये बुजुर्गों के खिलाफ षडयंत्र रच रही सरकार
: पूर्व विधायक जयतीर्थ दहिया ने कहा, सरकार बना रही बुजुर्ग सम्मान भत्ता को बुजुर्ग अपमान भत्ता करने की योजना
सोनीपत, 22 सितम्बर : राई के पूर्व विधायक जयतीर्थ दहिया ने परिवार पहचान पत्र योजना काे सरकार का षडयंत्र बताया है और कहा कि सरकार तेजी से बुजुर्गों का सम्मान भत्ता खत्म करने की ओर अग्रसर है, लेकिन कांग्रेस ऐसा कभी नहीं होने देगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने ऐलान किया है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर परिवार पहचान पत्र की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयतीर्थ दहिया ने कहा कि सरकार की मंशा इसी से जाहिर होती है कि बुजुर्गों के सम्मान भत्ता को पैंशन का नाम दिया जा रहा है। यह बुजुर्गों का अपमान है। वहीं, जो शर्तें निर्धारित की गई हैं, वह भी हास्यास्पद हैं। परिवार पहचान पत्र में यदि बेटे की आय भी 1 लाख 80 हजार रुपए सालाना से ज्यादा है तो बुजुर्ग का सम्मान भत्ता काटा जा रहा है। जबकि ऐसे बहुत से परिवार हैं जहां पर बेटे अपनी कमाई का हिस्सा माता-पिता को नहीं देते। ऐसे में बुजुर्गों को उनका मुंह देखना पड़ता है। दहिया ने कहा कि दरअसल, यह सम्मान भत्ता सरकार ने बुजुर्गों का आत्मसम्मान बरकरार रखने के लिए शुरू किया था, जिसे बाद में पूर्व सी.एम. भूपेंद्र हुड्डा ने सम्मान भत्ता को बुजुर्गों के आत्मनिर्भर का जरिया बना दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार लगातार बुजुर्गों का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग 5100 रुपए प्रति माह का वायदा कर सत्ता में आए थे, वे अब बुजुर्गों को दर-दर के धक्के खाने पर मजबूर कर रहे हैं। जिंदा लोगों को मृत दिखाया जा रहा है, लेकिन सरकार की नशे में चूर है।