राष्ट्रीय

उपहार त्रासदी: अंसल बंधुओं को कोर्ट से बड़ी राहत, जेल में बिताए वक्त को सजा मानकर रिहा करने का आदेश

नई दिल्ली, 19 जुलाई । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने उपहार हादसा मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के मामले में अंसल बंधुओं को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने जेल में बिताए गए अब तक के वक्त को ही उनकी पूरी सजा मानते हुए रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने दोनों को 2 करोड़ 25 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने ये फैसला सुनाया।

18 जुलाई को कोर्ट ने अंसल बंधुओं की अपील खारिज कर दी थी। 8 जुलाई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सेशंस कोर्ट 24 फरवरी से इस मामले में रोजाना सुनवाई कर रहा था। दरअसल, 16 फरवरी को हाई कोर्ट ने अंसल बंधुओं की सजा को निलंबित रखने की मांग को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो अंसल बंधुओं की अपील पर रोजाना सुनवाई करे।

8 नवंबर, 2021 को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने इस मामले के पांच आरोपितों को सात-सात साल की सजा के अलावा सुशील अंसल और गोपाल अंसल पर सवा दो करोड़ रुपये का अलग-अलग जुर्माना लगाया था। 8 अक्टूबर को कोर्ट ने अंसल बंधुओं समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने इस मामले में कोर्ट के एक कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा को भी दोषी करार दिया था। कोर्ट ने इसके अलावा पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी दोषी करार दिया था। सुशील अंसल के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई थी। हाई कोर्ट में सुशील अंसल के खिलाफ उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने याचिका दायर की थी।

13 जून, 1997 को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में ‘बार्डर’ फिल्म दिखाए जाने के दौरान आग लगने के बाद दम घुटने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मची भगदड़ में सौ से अधिक लोग घायल भी हो गए थे।

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