राष्ट्रीय

‘मन की बात’- ज्यादा से ज्यादा अपनायें मोटा अनाज, सेहत और किसानी के लिए लाभप्रद : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 28 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि भारत विश्व में मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और संयुक्त राष्ट्र की इसे बढ़ावा देने की पहल को सफ़ल बनाने की बड़ी ज़िम्मेदारी हम भारत वासियों के कंधों पर है। हम सबको मिलकर इसे जन आंदोलन बनाना है और देश के लोगों में मोटे अनाज के प्रति जागरुकता भी बढ़ानी है। मोटा अनाज किसानों खासकर छोटे किसानों के लिए भी फायदेमंद है। उन्होंने अपील की ज्यादा से ज्यादा मोटा अनाज अपनायें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम की 92वीं कड़ी में कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट (मोटा अनाज) वर्ष घोषित किया है। भारत के इस प्रस्ताव को 70 से ज्यादा देशों का समर्थन मिला था। आज दुनिया भर में मोटे अनाज के प्रति उत्साह बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज ‘मोटे अनाज’ जैसे बाजरा, जौ ज्वार को सुपरफूड की श्रेणी में रखा जा रहा है। देश में मोटे अनाज (मिलेट) को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। इससे संबंधित अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके।

उन्होंने कहा कि मोटा अनाज प्राचीन काल से ही हमारी कृषि, संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा रहा है। वेदों, पुराण और तोल्कापियन में भी इसके बारे में बताया गया है। देश में लोगों के खान-पान में अलग-अलग तरह के मोटे अनाज जरूर देखने को मिलते हैं। इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी, कुडू शामिल है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मोटे अनाज के क्षेत्र में शुरू हुए स्टार्ट अप का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ कूकिज, कुछ पेनकेक और डोसा बना रहे हैं। वहीं कुछ एनर्जी बार और ब्रेकफास्ट तैयार कर रहे हैं। वे इस क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हैं।

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