उत्तर प्रदेश

सेवा कार्य से जुड़े लोगों के लिए हनुमानजी से बड़ा कोई आदर्श नहीं हो सकता : ”रामायणी”

मुुरादाबाद 13 नवम्बर। रामगंगा विहार स्थित ओम शिव हरि मनोकामना मंदिर में पांच दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवें व अंतिम दिन दिन बरेली फरीदपुर से पधारे मानस मर्मज्ञ पंडित ब्रजेश पाठक ”रामायणी” ने कहा कि जो लोग सेवा कार्य से जुड़े हैं उनके लिये हनुमान से बड़ा कोई आदर्श नहीं हो सकता है। सेवा कार्य निर्भय होकर मन से किस प्रकार किया जाएं यह हनुमान जी से सीखा जा सकता है।

पंडित ब्रजेश पाठक ”रामायणी” ने आगे कहा कि हनुमान के लिये कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता हैं, सभी कार्य राम के कार्य हैं। इसीलिये श्रीराम की सेवा हेतु हनुमानजी सचिव, सेवक, सेनापति इत्यादि कहां तक कहा जाए वह सवारी तक बनने के लिये तैयार रहते थे। श्रीरामचरित मानस में लिखा है कि लंका का युद्ध श्रीराम ने हनुमान के कंधे पर बैठकर लड़ा था। सेवा के साथ यदि भक्ति जुड़ जाये तो सेवा पूजा बन जाती है और हनुमान जी में दोनों ही है वे सेवा और भक्ति में बेजोड़ है।

पंडित बृजेश पाठक रामायणी ने आगे कहा कि भगवान की भक्ति के लिये कोई उम्र व समय नहीं होता है। कुछ लोग कहते है कि बच्चें बड़े हो जाये तो भक्ति में लगेगे, बच्चे बड़े हो जाते है फिर कहते है कि बच्चों की शादी हो जाएं तो भक्ति करेंगे, शादी हो जाती है तो कहते है पोते-पोतियों का मुंह देख ले फिर भगवान का गुणगान करेगें, फिर कहते है कि पोते पोतियों के विवाह से निपट जाएं तो बुढ़ापे में करेगें… एैसे करते-करते जीवन के अंतिम पड़ाव पर आ जाते हैं और भगवान की भक्ति नहीं हो पाती है।

श्री रामायणी ने कहा कि भगवान की भक्ति के लिये जब भी समय मिल जाएं कर लें, जरूरी नहीं है कि मंदिर के आगे दो तीन घंटे बैठेगें तभी भक्ति होगी। एैसा नहीं है समय हो तो दो नहीं चार घंटे भक्ति करें किन्तु पहले अपने पारिवारिक, सामाजिक व नौकरी, व्यवसाय से सम्बन्धित दायित्वों को समय से अवश्य निपटा लें, अभी आपकी भक्ति सार्थक हैं। मन ही मन यदि भगवान के नाम का जाप कर लेगें तो प्रभु की भक्ति स्वतः ही हो जाएगी।

श्रीपाठक ने अंत में कहा कि तीर्थस्थलों पर अपने बच्चों को अवश्य लेकर जाएं तभी वह बच्चें बड़े होकर आपको बुढ़ापे में तीर्थ स्थानों के दर्शन अवश्य कराएंगे। वर्तमान समय में युवा पीढ़ी तीर्थ स्थलों से दूर होती जा रही है। बच्चों में अच्छे संस्कार तभी स्थाई रूप से रहते है जब उनको बचपन से अपने आस पास भक्तिमय माहौल मिलता है।

कथा आयोजक व मुख्य यजमान अलका गोयल ने पांच दिवसीय श्रीराम कथा पूर्ण होने पर कथा व्यास महाराज बृजेश पाठक का आभार व्यक्त किया। आरती के बाद प्रसाद का वितरित हुआ।

व्यवस्था में अलका गोयल, राजीव गोयल, संजीव गोयल, मंजू गोयल, अंबिका गोयल, सुनील शर्मा, वाणी टंडन, दिनेश चंद्र टंडन, बह्मौतार गुप्ता, पूजा त्रिवेदी, नीलम दक्ष, प्रीति गुप्ता, कंचन गुप्ता, नितिन जायसवाल, पंडित हरीश चंद्र जोशी आदि उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker