जींद : सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए अध्यापकों ने रानी तालाब पर किया यज्ञ
जींद। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने देश प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों एवं सार्वजनिक संस्थानों, सेवाओं की सलामती के लिए सोमवार को हवन यज्ञ कर भगवान से प्रार्थना की कि सरकार के मित्र व्यापारियों की ललचाई नजरों से बचाओ। सभी शिक्षकों ने एक साथ प्रार्थना की कि हे प्रभु लोकतांत्रिक व्यवस्था व्यापारीकरण में परिवर्तित न हो क्योंकि व्यापार और परोपकार के संबंध ज्यादा अच्छे नहीं होते।
यज्ञ कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रधान रूपेंद्र गोयत व संचालन जितेंद्र बैनीवाल ने किया। यज्ञ में आहुतियां डालने के बाद शिक्षकों को संबोधित करते हुए संघ के राष्ट्रीय प्रतिनिधि राजेश खर्ब ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों को मूलभूत सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, परिवहन, सुरक्षा, रोजगार देना सरकारों की जिम्मेवारी होती है और चुनाव के समय वायदे भी करते हैं लेकिन वर्तमान सरकार सत्ता में आते ही अपने दायित्व व चुनावी वायदों से भागते हुए सार्वजनिक सेवा में निजि घरानों का दखल अंदाज बढ़ा रही है। जिसकी राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ घोर निंदा करता है।
संघ के संस्थापक खजान सिंह खटकड़ ने कहा एक तरफ शिक्षकों की कमी और उपलब्ध शिक्षकों को भी गैर शैक्षणिक कार्य में उलझाए रखने के साथ-साथ सरकारी विद्यालयों में पढने वाले बच्चों को कभी 134-ए का तो कभी सीधे फीस देने का प्रलोभन देना सरकार की नियत साफ-साफ झलका रहा है कि सरकार सार्वजनिक विद्यालयों से पल्ला झाडना चाहती है। विशेष रूप से पहुंचे सेवानिवृत शिक्षा अधिकारी किताब सिंह भनवाला ने कहा कि शिक्षा समाज में चेतना फैलाती है और पढ़ा लिखा व्यक्ति अधिकारों के प्रति सचेत होकर व्यवस्था से प्रश्न करता है जो वर्तमान सिस्टम जी सरकार को पसंद नहीं है।
शिक्षकों ने समाज के भविष्य का चित्रण को दर्शाते हुए सिरो पर तसल्ले रखकर कहा कि वर्तमान सरकार सबको मजदूर बनाने पर तुली हुई है। बाद में विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर सुरेंद्र मोंगरिया सुनील आर्य, सज्जन राठी, राजवीर पहल, राजेश रेढू, राजेश चहल, विरेंद्र, सुरेन्द्र, हरिकेश कापडो, कप्तान मलिक, शकुंतला, संतरो, सोनिया, मीना, अनिता सांगवान, अभिमन्यू रेढू, हरदीप सिंह ढुल, विवेक शर्मा, अजब सिंह गोयत, कुलदीप शर्मा, नवीन आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।