राष्ट्रीय

 समंदर में उतारा गया एंटी-सबमरीन वारफेयर ‘अर्णाला’ जहाज

नई दिल्ली, 20 दिसंबर। भारतीय नौसेना के लिए एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया पहला जहाज ‘अर्णाला’ मंगलवार को समुद्र में उतार दिया। कट्टूपल्ली, चेन्नई में लॉन्च किये गए जहाज ने बंगाल की खाड़ी के पानी के साथ अपना पहला संपर्क बनाया। नौसेना की समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए अथर्ववेद के मंत्रोच्चारण के साथ जहाज का शुभारंभ किया गया। रणनीतिक समुद्री महत्व को दर्शाने के लिए जहाज का नाम ‘अर्णाला’ रखा गया है।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक भारतीय नौसेना के लिए कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) प्रोजेक्ट के तहत 8 जहाज बनाये जा रहे हैं। इनमें से पहला जहाज ‘अर्णाला’ आज रक्षा मंत्रालय की वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) रसिका चौबे ने लॉन्च किया। नौसेना की समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए रसिका चौबे ने अथर्ववेद के मंत्रोच्चारण के साथ जहाज का शुभारंभ किया। लॉन्च समारोह में बंगाल की खाड़ी में पानी के साथ अपना पहला संपर्क बनाया।

मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज ने वसई, महाराष्ट्र से लगभग 13 किलोमीटर उत्तर में स्थित अरनाला द्वीप को दिए गए रणनीतिक समुद्री महत्व को दर्शाने के लिए जहाज का नाम ‘अर्णाला’ रखा गया है। रक्षा मंत्रालय और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के लिए 29 अप्रैल, 2019 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। ‘अर्णाला’ वर्ग के जहाज भारतीय नौसेना के अभय वर्ग एएसडब्ल्यू जहाजों की जगह लेंगे और पनडुब्बी रोधी संचालन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यह जहाज 900 टन वजन के साथ 25 समुद्री मील की अधिकतम गति से चल सकते हैं। इन जहाजों में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी।

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