परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) की त्रुटि आमजन पर पड़ रही भारी, ठीक करवाने के लिए शिकायत दर्ज करवाने पहुंचे रहे पीड़ित
सोनीपत
बेहत्तर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। साफ्टवेयर व अपडेट किए डाटा के चलते जरूरतमंद के आयुष्मान गोल्डन कार्ड नहीं बन पा रहे है। आॅनलाइन चैक करने पर परिवार पहचान पत्र में तीन साल के बच्चे की सालाना आय 10 हजार रुपये दर्शाई गई है। वहीं बुजुर्ग महिला की सालाना आया ढाई लाख से ज्यादा की दर्खाई जा रही है। योजना का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र में दर्शाई जा रही त्रुटि को ठीक करवाने के लिए गरीबों को जेब ढ़ीली करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिला अतिरिक्त उपायुक्त इस संबंध में उच्च अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में समस्या को अवगत करवाने की बात कह रही है।
बता दें कि आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना इस योजना के तहत हर लाभार्थी को एक हेल्थ कार्ड मिलता है जिसके द्वारा उसे 5 लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य इलाज मिलता है। इस हेल्थ कार्ड को आयुष्मान गोल्डन कार्ड भी कहते है। प्रदेश सरकार की तरफ से परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के साथ केंद्र सरकार की योजना को जोड़कर प्रदेश वासियों को पांच लाख रुपये तक का उपचार फ्री में मुहैया करवाने के लिए योजना की शुरूआत की थी। इस योजना का लाभ देने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किए (पीपीपी) परिवार पहचान पत्र में दर्ज 1 लाख 80 हजार आय से कम लाभार्थी आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनवाकर लाभ ले सकते है, लेकिन आॅनलाइन डाटा में आ रही तकनीकि खराबी के चलते परिवान पहचान पत्र में परिवार के सदस्यों की आय लाखों रुपये तक दर्शाई जा रही है। जिसके चलते लाभार्थी आवेदन तक नहीं कर पा रहे है।
तीन साल का बच्चा 10 हजार, 82 साल की बुजुर्ग महिला ढाई लाख-
जिला अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए पहुंची बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके परिवार पहचान पत्र में दर्ज आए 1 लाख 80 हजार से कम है, लेकिन आॅनलाइन चैक करने पर उसकी आय ढाई लाख रुपये सालान दर्शाई जा रही है। परिवार में महज एक बेटा है जोकि प्राइवेट नौकरी करता है। वहीं तीन साल के बच्चे की दस हजार रुपये, छह साल के बच्चे की सालानआया 15000 हजार रुपये तक की दर्शाई जा रही है।