बिहार

‘वर्तमान परिस्थिति में विनोबा भावे की उपादेयता”

बेगूसराय, 15 नवम्बर। आचार्य विनोबा भावे की पुण्यतिथि पर मंगलवार को गांधी विचार मंच-सह-मैत्री संगीति के तत्वावधान में केशावे गांव में ”वर्तमान परिस्थिति में विनोबा भावे की उपादेयता” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता रामरतन सिंह, स्वागत भाषण गांधी विचार मंच के जिला संयोजक राज नारायण सिंह एवं संचालन संजय कुमार सिंह ने किया। मौके पर जीडी कालेज के सेवानिवृत्त प्राध्यापक जे.पी. शर्मा, कांग्रेस नेता ब्रजकिशोर सिंह, डॉ. राहुल कुमार, ब्रजेश कुमार, महेश भारती, शिक्षक राजेश कुमार, जयशंकर कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

वक्ताओं ने कहा कि विनोबा भावे ने सत्याग्रह का मार्ग अपना कर भारतीय समाज को नई दिशा दी। भूदान में 44 लाख एकड़ जमीन प्राप्त कर भूमिहीन में बांटकर दुनिया को अहिंसक क्रांति का संदेश दिया। गांधी और विनोबा के विचार कभी मर नहीं सकते। विनोबा का रास्ता गांधी का सहयोग और सत्य का रास्ता रहा। उन्होंने अहिंसा को लेकर सत्याग्रह करते प्राण त्याग दिए, लेकिन झुके नहीं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने विनोबा भावे को प्रथम सत्याग्रही माना था।

विनोबा भावे का पूरे देश के अलावा बेगूसराय से भी गहरा नाता रहा। उनके प्रयास से बेगूसराय में भी लोगों ने अपनी जमीन भूदान के तहत दान कर हजारों लोगों को बसाया। आजादी के बाद गरीबी और अमीरी के संघर्ष में जलते हुए लोगों को बसाने के लिए 1951 में विनोबा भावे ने भूदान पद यात्रा शुरू की। 1952 में बिहार के पद यात्रा पर आए थे और पूरे बिहार में पदयात्रा किया था। इस दौरान उन्होंने बेगूसराय के तेघड़ा, बीहट, बेगूसराय, मंझौल, सकरपुरा और बलिया में भी भूदान यात्रा किया। पूरे देश में एक साथ सबसे अधिक एक हजार दान पत्र उन्हें बेगूसराय में ही मिला था।

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