जीवीएम की एनएसएस की छात्राओंं ने राष्ट्रीय कार्यशाला में जीते चार पुरस्कार
वेस्ट मैनेजमेंट ट्रांसफोर्मिंग वेस्ट टू एनर्जी विषय पर किया गया एमडीयू में आयोजन
पीपीटी प्रेजेंटेशन में भावना सोनी व डैक्लामेशन में भावना कौशिक रही अव्वल
सोनीपत, 21 अक्टूबर।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में आयोजित राष्टï्रीय कार्यशाला की विभिन्न स्पर्धाओं में जीवीएम गल्र्ज कालेज की एनएसएस की छात्राओं ने दो प्रथम सहित चार पुरस्कार जीते। संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी व प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने विजेताओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
जीवीएम की एनएसएस प्रभारी रूचिका विरमानी ने बताया कि एमडीयू की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में वेस्ट मैनेजमेंट ट्रांसफोर्मिंग वेस्ट टू एनर्जी विषय पर 19 से 21 अक्टूबर तक राष्टï्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के अंतर्गत पीपीटी प्रेेजेंटेशन में जीवीएम की स्वयंसेविका बीकॉम ऑनर्स द्वितीय वर्ष की भावना सोनी ने प्रथम व डैक्लामेशन में भावना कौशिक ने प्रथम तथा डैक्लामेशन में ही बीकॉम ऑनर्स प्रथम वर्ष की कशिश ने तृतीय और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता मेंं बीएससी प्रथम वर्ष की नैन्सी ने तृतीय पुरस्कार जीता।
एनएसएस प्रभारी रूचिका विरमानी ने बताया कि कार्यशाला बेहद लाभकारी रही। इसी प्रकार की कार्यशाला का आयोजन जीवीएम में भी करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से सीखने को मिला की कूड़े-कर्कट से विद्युत उत्पादन भी संभव है। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। कोई भी चीज व्यर्थ नहीं होती। हर वस्तु को रिसाईकिल किया जा सकता है। कार्यशाला में ब्रह्मïाकुमारी आश्रम की ओर से आई वक्ताओं ने व्यर्थ के विचारों को बाहर निकालने का प्रशिक्षण दिया ताकि आवश्यक विचारों को मजबूती मिल सके।
एनएसएस की प्रभारी रूचिका विरमानी ने कहा कि हमें व्यर्थ के कूड़ा-कर्कट को विद्युत निर्माण अथवा खाद बनाने के लिए प्रयोग में लाना चाहिए। इसलिए सूखा व गीला कूड़ा अलग-अलग एकत्रित करना चाहिए। कई कंपनियां कूड़े को भी खरीदती हैं। कूड़े का उचित निस्तारण करना चाहिए ताकि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल सके।