मशरूम की खेती से युवा कम जगह में भी सालभर कमाई कर सकते है : सिंह
एमएचयू रजिस्ट्रार व केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अजय सिंह प्रािक्षण प्रमाण पत्र देते हुए।
– मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन
राई। महाराणा प्रताप बागवानी वि.वि. के क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। प्रशिक्षण शिविर में 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को भेजे संदेश में एमएमचयू कुलपति प्रो. समर सिंह ने कहा कि युवा, किसान कम जमीन में भी प्रशिक्षण पाकर मशरूम का उत्पादन कर सकते है, जिससे वे कम खर्च में ज्यादा मुनाफा सकेंगे। प्रशिक्षण देने के पीछे मुख्य मकसद होता है कि किसान, युवा मशरूम की विभिन्न व्यंजन बनाकर बेचें, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेंगी साथ ही वे सफल उद्यमी के रूप में उभरेंगे। जो दूसरों के लिए भी रोजगार देने वाला साबित होगा। डॉ. अजय सिंह ने प्रतिभागियों को बताया कि मशरूम की खेती की सबसे अच्छी बात ये कि इसकी विभिन्न किस्मों की खेती सालभर कर सकते है, इससे पूरे साल कमाई होती रहती है। मशरूम की खेती से बेहतर आमदनी कमाई जा सकती है। केंद्र मुरथल में वर्षभर ट्रैनिंग उपलब्ध कराई जाती है ताकि किसान, युवा मशरूम की खेती करके भारी मुनाफा कर उद्यमी बन सकें। प्रतिभागियों को कुंभ मशरूम अनुसंधान केंद्र सोलन हिमाचल प्रदेश का भ्रमण कराया गया ताकि प्रतिभागी धरातल पर जाकर मशरूम के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। शिविर के समापन अवसर पर डा.अजय सिंह ने प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।