नैनो तरल यूरिया के इस्तेमाल से किसानों को मिलेगा लाभ-डॉ० शमशेर
-खाद के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नैनो यूरिया बेहतर विकल्प
-मुरथल स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सभागार में नैनो यूरिया के उपयोग एवं महत्व पर किया गया किसान गोष्ठी का आयोजन
सोनीपत, 14 जुलाई। इफको द्वारा बुधवार को मुरथल स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र के सभागार में नैनो यूरिया के उपायोग एवं उसके महत्व के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए किसान गोष्ठïी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इफको चण्डीगढ के महाप्रबंधक डॉ० शमशेर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इफको द्वारा किसानों की सुविधा को देखते हुए नैनो तरल यूरिया के नाम से एक नया उत्पाद तैयार किया है। यह यूरिया परम्परागत यूरिया के मुकाबले काफी कारगर है और इसमें खर्च भी कम आता है। डॉ० शमशेर ने किसानों को नैनो तरल यूरिया का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की अपील की है।
इफको महाप्रबंधक ने बताया कि भारत विदेशों से भारी मात्रा में उर्वरकों का आयात करता है, जिससे भारत की विदेशी मुद्रा खजाने पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए इफको नैनो तरल यूरिया देश को उर्वरक के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहतर विकल्प है। उन्होंने बताया कि नैनो तरल यूरिया बिना किसी अनुदान के परंपरागत यूरिया से 10 प्रतिशत सस्ता है, जिसकी कीमत 240 रुपए प्रति 500 एमएल बोतल है और इसकी फसल में उपयोग दक्षता 85 से 90 प्रतिशत है, जोकि परंपरागत यूरिया से अधिक है। परम्परागत यूरिया की उपयोगिक दक्षता केवल 25 प्रतिशत है। बाकी 75 प्रतिशत भूमिगत जल व वातावरण प्रदूषित करता है।
इस मौके पर अटल सेवा केन्द्रों के डीएम शशिकांत सहित अनेक किसान मौजूद रहे।