आरएमएल में पहली बार किया गया सफल हार्ट ट्रांसप्लांट, 32 वर्षीय महिला को मिली जिंदगी
नई दिल्ली, 23 अगस्त। डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में सोमवार को पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया। 32 वर्षीय महिला लक्ष्मी देवी को इस हार्ट ट्रांसप्लांट से नई जिंदगी मिली है। ऑपरेशन के बाद महिला की हालत स्थिर है।
आरएमएल के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एनेस्थीसिया व कार्डियोलोजी विभाग के डाक्टरों के साथ मिलकर सफल सर्जरी की। इस सर्जरी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के डॉक्टरों ने भी मदद की। सर्जरी के बाद 32 वर्षीय महिला की हालत स्थिर बनी हुई है। महिला फिलहाल आइसीयू में भर्ती है और डॉक्टर लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं।
मंगलवार को इस संबंध में आरएमएल की मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. नंदनी दुग्गल ने बताया कि 32 वर्षीय लक्ष्मी देवी कार्डियोमायोपैथी बीमारी से पीड़ित थी। इस बीमारी के कारण महिला का दिल केवल 15 फीसदी ही काम कर रहा था। महिला की समस्या को देखते हुए हार्ट ट्रांसप्लांट का फैसला किया गया और उसकी हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए फाइल तैयार कर लिस्ट में डाल दिया गया। प्रतीक्षा सूची में नाम शामिल होने के बाद राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने 21 अगस्त को पीजीआई चंडीगढ़ में ब्रेन डेड किशोरी के अंगदान की सूचना दी।
नोटो के अनुसार 15 वर्षीय किशोरी मूलरूप से बिहार के लखीसराय की रहने वाली थी। वह मजदूरी का काम करती थी। चोट लगने के कारण उसे 15 अगस्त को पीजीआइ में भर्ती कराया गया था। यहां ब्रेन डेड होने पर परिजनों ने दोनों किडनी, लिवर, पैंक्रियाज, दिल व कॉर्निया दान किया। यह सूचना मिलने पर आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर शाम को चंडीगढ़ पहुंचे। वहां दिल को सुरक्षित तरीके से निकालकर रात 8.30 बजे की फ्लाइट से वापस दिल्ली के लिए रवाना हुए और रात करीब 9:40 बजे डॉक्टर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने एयरपोर्ट से आरएमएल अस्पताल तक ग्रीन कारिडोर बनाकर एंबुलेंस से कम समय में दिल अस्पताल पहुंचाने में मदद की। रात करीब 10.20 बजे प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी शुरू हुई और रात तीन बजे सर्जरी पूरी हुई। इस ऑपरेशन को डॉ. विजय ग्रोवर ने लीड किया। टीम में इनके साथ डॉ. मिलिंद होते, डॉ. नरेन्द्र झाझरिया, डॉ. पलाश अय्यर, डॉ. रमेश केशव और डॉ. जसविंदर शामिल हैं।