110 साल वाले फारबिसगंज नगर परिषद के आलम टोला में आज भी चचरी का सहारा
अररिया 14 सितम्बर। बिहार के पुराने नगरपालिका में से एक फारबिसगंज नगरपालिका है जिसकी स्थापना 1912 ई. में हुई थी। 110 वर्षों के इतिहास में फारबिसगंज नगर परिषद ने कई उतार-चढ़ाव देखे। समय के साथ बदलाव दिखा और बिना किसी मास्टर प्लान के शहर में बहुत ही विकास की बयारे भी देखी। बदलाव और विकास के बीच लंबे-लंबे दावे भी देखें और मिले जनप्रतिनिधियों के आश्वासन की पोटरी भी देखी।दावों और हकीकतों के बीच आज भी फारबिसगंज नगर परिषद क्षेत्र में इलाका ऐसा है, जहां तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क भी नहीं है और आज भी चचरी पुल के सहारे वार्ड के लोग अपने घरों तक पहुंचते हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं फारबिसगंज नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 22 के आलम टोला का।
यहां आज भी आलम टोला और टीचर्स कॉलोनी के बीच आने जाने के लिए चचरी पुल सहारा है,जिस पर से होकर दर्जनों परिवार आना जाना करते हैं।लंबे समय से वार्ड का प्रतिनिधि इरफान अंसारी और उसका परिवार करता आ रहा है,बावजूद इसके न तो सड़क का ही निर्माण हो पाया है और न ही आवागमन के लिए पुल।अलबत्ता रहने वाले लोग आज भी चचरी के सहारे आवागमन को विवश है।हां इन सबके बीच कोरा आश्वासन हरेक बार चुनावी मौसम में यहां के निवासियों को मिलता रहा है,लेकिन चुनाव के बाद कि स्थिति वादा है वादों का क्या और मिला आश्वासन डपोरशंखी साबित होता आया है।
वार्ड संख्या 22 के रहने वाले साबिर अंसारी,मुस्ताक अंसारी,सोनू,जहांगीर,असलम,जाहिद,सायरा बानो,सलमान,हसीब अंसारी का कहना है कि उन्हें लगता ही नहीं है कि वेलोग शहरी क्षेत्र में रहते हैं।किसी तरह की सुविधा वार्ड को मयस्सर नहीं होता है।निर्वाचित प्रतिनिधि भी हमेशा से उनलोगों को ठगने और कोरा आश्वासन देने का काम किया है।वार्ड की कुव्यवस्था को लेकर कई बार नगर परिषद के मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद, पार्षद समेत कार्यपालक पदाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों को लिखकर समस्या के निराकरण को लेकर दिया गया।लेकिन आज तक पहल नहीं हुई।फलस्वरूप शहरी इलाके में रहने के बावजूद बदतर स्थिति में रहने को विवश हैं।
वहीं वार्ड संख्या 22 के निवर्तमान पार्षद इरफान अंसारी का कहना है कि समस्या के निराकरण को लेकर कई बार कार्यपालक पदाधिकारी और सम्बंधित अधिकारी को लिखकर दिया गया है।कई बार बोर्ड में भी मामले को उठाया गया।लेकिन किसी तरह की पहल नहीं हुई।उन्होंने कहा कि यह धार क्षेत्र है और शहर का गंदा पानी की निकासी इधर ही होता है।फलस्वरूप सालों भर पानी लगा रहता है।उन्होंने आने वाले समय मे समस्या के निराकरण के लिए सकारात्मक रूप से पहल करने की बात कही।