ई-टेंडरिंग विवाद: पंचायत कार्यालय में सरपंचों ने किया धरना शुरू, प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष-प्रदर्शन
सोनीपत
प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों के विकास कार्यो में दो लाख से अधिक के कार्यो को करवाने के लिए ई-टेंडर प्रणाली लागू की है। जिसके खिलाफ प्रदेश के सरपंचों ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को सोनीपत ब्लॉक के सरपंचों ने पंचायत अधिकारी के कार्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सरपंच टेंट लगाकर योजना के खिलाफ धरने पर बैठ गए। सरपंच एसोसिएशन के प्रधान राकेश के नेतृत्व में धरने पर बैठे सरपंचों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शुरूआत सोनीपत से हुई है, अगले कुछ दिनों में जिले के सभी ब्लाकों के सरपंच धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को खत्म करने व विकास कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडरिंग नियम लागू किया है। जिसके अंतर्गत किसी भी गांव में अगर किसी विकास कार्य की लागत दो लाख से अधिक है तो उसके लिए ई-टेंडर जारी किए जाएंगे। उसी के आधार पर काम किया जाएगा। यही नही कामों की जियो टैगिंग भी होगी। सरपंचों का दावा है कि इस नियम से ग्रामीण क्षेत्रों के कामों की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। सरपंच ठीक ढंग से काम भी नही करवा पाएंगे। ऐसे में रोषित सरपंचों ने शुक्रवार से सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया है।
वर्जन
जनता ने विकास कार्य करवाने के लिए चुना है, लेकिन सरकार की तरफ से ई-टेंडर प्रणाली लागू कर दी है। पहले ही पंचायत चुनाव देर से प्रदेश में हुए थे। जिसके चलते समय पर विकास कार्य नहीं हो पाए। सरपंच महज दो लाख रुपए तक के विकास कार्य ही सीधे तौर पर करवा पाएंगे। जबकि इससे अधिक का टेंडर जारी होगा। इस प्रक्रिया से न सिर्फ विकास कार्यों में देरी होगी, बल्कि काम भी बाधित होंगे। ई-टेंडर प्रणाली के खिलाफ धरना शुरू किया है। सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द सरपंचों की मांगे पूरी करें। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तो धरना चलता रहेगा।