पटियाला में हिंसा के बाद तनाव
आईजी और एसएसपी समेत छह अफसर हटाए, इंटरनेट सेवा बहाल, हिंदू संगठनों ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
चंडीगढ़
पटियाला में शुक्रवार को खालिस्तान विरोधी मार्च में हुई हिंसा के अगले दिन सरकार ने पटियाला के आईजी राकेश अग्रवाल और एसएसपी नानक सिंह को हटा दिया है। अब मुखविंदर सिंह छीना नए आईजी और दीपक पारिख नए एसएसपी होंगे। सिटी एसपी को हटाकर वजीर सिंह खैहरा को लाया गया है। डीएसपी अशोक कुमार को भी हटा दिया गया है। इनके अलावा थाना लाहौरी गेट के एसएचओ गुरप्रीत सिंह और कोतवाली के एसएचओ बिक्रम सिंह को भी हटा दिया गया है। पुलिस ने हिंदू संगठनों को रोष मार्च न निकालने से मना लिया है। एसएसपी नानक सिंह से बातचीत के बाद धरना खत्म कर दिया गया है। हिंदू संगठनों ने मंदिर पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। हालात सुधरने के बाद अब पटियाला में इंटरनेट और रटर सेवा बहाल कर दी गई है। पहले इसे शाम 6 बजे तक के लिए बंद किया गया था।
हिंसा पर पहली बार बोले सीएम मान, समुदाय नहीं, भाजपा और अकाली दल का टकराव: सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस मामले में केस दर्ज हो चुका है। कुछ लोग अरेस्ट हुए हैं। हिंसा में भाजपा और शिवसेना के लोग थे। दूसरी तरफ अकाली दल के लोग थे। यह दो राजनीतिक दलों का टकराव था, इसे किसी धर्म या समुदाय से नहीं जोड़ा
जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच हो रही है, जल्द ही सब सबके सामने आएगा। पंजाब में आप की सरकार की लोकप्रियता से घबराकर विपक्षी दलों ने यह सब किया। मान ने हिंसा के दिन ही भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के काली माता मंदिर जाने पर भी सवाल खड़े किए।
मंदिर में तलवारें किसने चलाई? : बीजेपी: भाजपा के प्रदेश महासचिव अनील सरीन ने कहा कि आप की सरकार आने के बाद आतंकवादी ताकतें मुखर हो गई हैं। जिस हरीश सिंगला ने मार्च निकालना था, वह काली माता मंदिर के आसपास भी नहीं था। फिर मंदिर में तलवारें किसने चलाई?। सीएम मान को इसका जवाब देना चाहिए।