राष्ट्रीय

 वायु सेना कमांडरों को हर समय हथियार प्रणालियों के साथ ऑपरेशनल रहने का निर्देश

– वायुसेना प्रमुख बोले- परिचालन क्षमता को बढ़ाना भविष्य के लिए तैयार होने की कुंजी

– पश्चिमी कमान ने कमांडर सम्मेलन में एलएसी के साथ सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की

नई दिल्ली, 11 नवम्बर। भारतीय वायु सेना की पश्चिमी कमान ने दो दिवसीय कमांडरों के सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कमांडरों को हर समय सभी प्लेटफार्मों, हथियार प्रणालियों और संपत्तियों की परिचालन तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

वायु सेना प्रमुख ने शुक्रवार को संपन्न हुए सम्मेलन में ऑपरेशन की तैयारियों को बनाए रखने, संपत्तियों की सेवा क्षमता, सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अपने संबोधन में एयर चीफ मार्शल ने पश्चिमी कमान के सभी कमांडरों को हर समय सभी प्लेटफार्मों, हथियार प्रणालियों और संपत्तियों की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि बल संरचना, आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के माध्यम से भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता को बढ़ाना भविष्य के लिए तैयार होने की कुंजी है।

दिल्ली मुख्यालय वाली पश्चिमी कमान अन्य क्षेत्रों के अलावा लद्दाख सेक्टर की देखभाल करती है। पश्चिमी वायु कमान के दो दिवसीय कमांडरों का सम्मेलन 10-11 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। कमान मुख्यालय में आने पर मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल को पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन ने स्वागत किया और उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

सम्मेलन के दौरान चीन में 2016 तक भारतीय राजदूत रहे अशोक के कांथा ने चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन-रूसी संबंधों और भारत और दुनिया के लिए निहितार्थों के अपने रणनीतिक विश्लेषण को साझा किया। इसके बाद नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने उभरती प्रौद्योगिकियों पर अपने विचार साझा किए।

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