बिहार

राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में अंजन ने लगाया गोल्ड पर निशाना

सहरसा,07 सितम्बर। 32वीं बिहार स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप कंपटीशन के फायर आर्म्स कैटगरी मैच जिसका आयोजन 2-6 सितंबर तक पुलिस लाइन बेगुसराय में किया गया था।

18 वर्षों के बाद भाग लेने गयी सहरसा की 11 सदस्यों की टीम के वापसी पर कल्ब की अध्यक्ष सह सहरसा एसपी लिपि सिंह, वरीय उपाध्यक्ष आत्मानंद झा,सदर डीएसपी संतोष कुमार तथा खेल पदाधिकारी प्रमोद कुमार यादव के अलावा उपाध्यक्ष दिवाकर सिंह,अनिल सर्राफ, अर्जुन चौधरी, गोपाल शंकर शाक्त, प्रदीप सर्राफ, कुमार अनिर्वाण चौधरी इत्यादि ने बधाई दिया।

इस वर्ष सहरसा की ओर से 10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर पिस्टल में यूथ एवं पुरुष वर्ग में कुल चार सदस्यों की टीम, 50 मीटर ओपन साइट राइफल मैच में 3 सदस्यों की टीम, 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में 3 सदस्यों की टीम तथा 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल में 2 सदस्यों की टीम, 50मीटर प्रोन में एक सदस्य तथा फ्री स्टाइल राइफल, पिस्टल एवं रिवाल्वर में कुल चार सदस्यों ने टीम मैनेजर शुभम कुमार के साथ हिस्सा लेकर वर्षों के इंतजार को विराम दिया।

सबसे खास बात यह रही की इस प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची सदस्यों की टीम में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी 17 वर्षीय भ्रग मानस के साथ कंधे से कंधे मिलाकर मैच खेलते 78 वर्षीय आत्मानंद झा भी खिलाड़ी के रूप में खेलने पहुंचे।

6 सिंतबर को आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में अंजन सिंह (वीएससी) ने स्टैंडर्ड पिस्टल के टीम इवेंट में गोल्ड, जबकि स्टैंडर्ड पिस्टल इंडिविजुअल कैटेगरी में सिल्वर मैडल एवं सेंटर फायर पिस्टल टीम में ब्राउंज मेडल प्राप्त किया। टीम के अन्य सदस्यों में कुणाल आनंद, अनुपम कुमार, सुदर्शन कुमार, त्रिदिव सिंह, सूरज कुमार, आत्मानंद झा, चंदन, राजेश सिंह इत्यादि शामिल थे। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी सदस्यों ने कल्ब की अध्यक्ष लिपि सिंह का विशेष आभार जताया जिनकी सहायता से सभी प्रकार की सुविधा जैसे राइफल एवं अन्य तकनीकी सुविधाएं समय रहते उपलब्ध करा दी गई। अध्यक्ष लिपि सिंह के द्वारा इस खेल से अधिक से अधिक खिलाड़ीयों को जोड़ने के साथ ही अगले साल की प्रतियोगिता में महिला वर्ग में भी प्रतिभागी तैयार करने की जिम्मेदारी सचिव त्रिदिव सिंह को दी गई। वहीं निशानेबाजी के खेल को और जन सुलभ बनाने के साथ साथ लोगों को इस खेल के प्रति जागरूक बनाने की बात कही गई।

त्रिदिव सिंह ने कहा कि निशानेबाजी का खेल अन्य खेलों से थोड़ा अलग है।इसकी शैली एवं तकनीक, अभ्यास तथा प्रशिक्षण के लिए एक अलग वातावरण और आधारभूत संरचनाओं की जरूरत पड़ती है। साथ ही यह बहुत ही अत्यधिक खर्चे वाला खेल है। समाज के जागरूक लोगों को इस को बढ़ावा देने हेतु आगे आना चाहिए ताकि खिलाड़ीयों को सुविधा और संसाधन उपलब्ध हो सके।

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