राष्ट्रीय

बीआरओ ने अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग बनाने के लिए आखिरी ‘ब्रेक थ्रू ब्लास्ट’ किया

– दोतरफा यातायात में प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी नेचिफू सुरंग

– ट्विन ट्यूब की एक और रणनीतिक सुरंग ‘सेला टनल प्रोजेक्ट’ की खुदाई का काम भी पूरा

नई दिल्ली, 20 मई । सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अरुणाचल प्रदेश में बन रही नेचिफू सुरंग के उत्खनन कार्य के लिए शुक्रवार को आखिरी ‘ब्रेक थ्रू ब्लास्ट’ किया। यह सुरंग दोतरफा यातायात में आधुनिक प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। बीआरओ ने नेचिफू सुरंग परियोजना के साथ उसी सड़क पर ट्विन ट्यूब की एक और रणनीतिक सुरंग ‘सेला टनल प्रोजेक्ट’ की खुदाई का काम भी पूरा कर लिया है। दोनों सुरंगों के चालू होने के बाद सैन्य काफिले की सभी मौसमों में रणनीतिक रूप से सुरक्षित आवाजाही हो सकेगी।

बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने आखिरी ‘ब्रेक थ्रू ब्लास्ट’ नई दिल्ली से बैठकर संचालित किया। इस परियोजना की आधारशिला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 अक्टूबर, 2020 को रखी थी। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में बालीपारा-चारदुआर-तवांग (बीसीटी) रोड पर नेचिफू सुरंग 5,700 फीट की ऊंचाई पर बनाई जा रही है। यह 500 मीटर लंबी अंग्रेजी के अक्षर डी आकार की सिंगल ट्यूब डबल लेन सुरंग है। यह सुरंग दोतरफा यातायात को समायोजित करेगी और आधुनिक प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी।

बीआरओ के महानिदेशक चौधरी ने बताया कि नेचिफू दर्रे के आसपास का मौसम अत्यधिक धुंधला रहता है, जिसकी वजह से कई दशकों से सामान्य यातायात और सैन्य काफिले को दिक्कत होती रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस सुरंग के निर्माण की योजना बनाई गई थी। इसलिए सुरंग में अत्याधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम लगाया जा रहा है, जिसमें अग्निशामक उपकरण, ऑटो रोशनी प्रणाली और डेटा अधिग्रहण (स्काडा) नियंत्रित निगरानी प्रणाली शामिल हैं। सुरक्षित पैदल चलने वालों की आवाजाही के लिए सुरंग के दोनों तरफ फुटपाथ बनाये जायेंगे, जिसके नीचे और पावर केबल और ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएंगी।

बीआरओ ने नेचिफू सुरंग परियोजना के साथ उसी सड़क पर ट्विन ट्यूब की एक और रणनीतिक सुरंग ‘सेला टनल प्रोजेक्ट’ की खुदाई का काम भी पूरा कर लिया है। नेचिफू सुरंग के लिए आज किये गए विस्फोट से पहले अब तक 4,500 मीटर से अधिक की खुदाई की जा चुकी है, जिसे बीआरओ कर्मचारियों ने दो साल से भी कम समय में हासिल किया है। सेला सुरंग और नेचिफू सुरंग के चालू होने के बाद इस पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र में कार्बन फुट प्रिंट कम होने के साथ ही बीसीटी रोड पर सभी मौसमों में रणनीतिक रूप से सुरक्षित आवाजाही हो सकेगी। बीआरओ ने पिछले दो वर्षों में देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में उच्च ऊंचाई पर पहाड़ी सुरंगों का निर्माण किया है। हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग, रोहतांग के अलावा उत्तराखंड में चंबा सुरंग भी हाल के दिनों में राष्ट्र को समर्पित की गई हैं।

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