-दस सालों से अखबारों में दे रहा था सप्ताह में दो विज्ञापन
नई दिल्ली
अखबारों और सोशल मीडिया में कम ब्याज दरों पर लोन देने के विज्ञापन देकर लोगों से ठगी करने वाले एक शातिर नौवीं पास ठग को रोहिणी साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जो अभी तक कई भोले भाले लोगों को ठगकर लाखों रुपये कमा चुका था। आरोपित की पहचान मोती नगर के मुकेश कुमार के रूप में हुई है। आरोपित मूलरूप से पंजाब का रहने वाला है।
डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि आरोपित के कब्जे से 14 एटीएम/डेबिट कार्ड,11 पासबुक, आठ चेक बुक और सात मोबाइल फोन जब्त किये हैं। उसके खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर चार शिकायतें मिली थी। शिकायतकर्ता नरेंद्र सिंह ने एनसीआरपी पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज की थी, जिसे साइबर पुलिस स्टेशन रोहिणी को सौंपा गया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने एक न्यूज पेपर में एक विज्ञापन देखा, जिसमें सस्ती ब्याज दर पर लोन की बात कही गई थी।
उसने दिये संपर्क फोन पर फोन किया। उससे लोन दिलवाने के नामक पर आरोपित ने 26 हजार सात सौ रुपये कागजी कारवाई करने के नामक पर ठग लिये। आरोपित ने उसके बाद भी पैसे ठगने की कोशिश की थी। जिसके बाद फोन बंद कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज किया। एसीपी टीम ईश्वर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर अजय दलाल के निर्देशन में इंस्पेक्टर सोहन लाल महिला एसआई शिप्रा हेड कांस्टेबल मोहित,अमन कांस्टेबल वीरेन्द्र और प्रदीप को आरोपित को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया।
पुलिस टीम ने पीड़ित से आरोपित का फोन नंबर,जिस बैंक में रुपये जमा करवाए थे,उसकी पूरी डिटेल लेकर जांच शुरू की। पुलिस टीम ने अखबारों के अधिकारियों से भी पूछताछ की। जिसमें उनसे विज्ञापन देने वाले की पूरी डिटेल ली गई। जिनसे पता चला कि विज्ञापन देने वाला पिछले करीब 10 साल से विज्ञापन दे रहा है। वह सप्ताह में दो बाहर विज्ञापन दिया करता था। विज्ञापन में दिये पते को लेकर जांच की तो वे नकली निकले।
पैसों के आदान प्रदान के जांच की गई तो पता चला कि आरोपित वाराणासी के एक बैंक खाते में जमा करवाता था। जिसको बाद में वहीं के एक दूसरे बैंक खाते से नकली पेटीएम खाते की सहायता से निकाल लिया करता था। उसके ठिकाने पर छापेमारी कर उसे पकड़ लिया। आरोपित से पूछताछ करने पर पता चला कि उसने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए विज्ञापन एजेंसी को फर्जी पहचान पत्र दे रखा था। आरोपित मुकेश पहले लोन वसूली की एजेंसी में नौकरी करता था।
नौकरी करते हुए उसको पता चल गया था कि लोन में किसी तरह से फर्जीवाड़ा किया जा सकता है। जिसके बाद उसने अखबारों में अपने फर्जी पते और नाम आदी से विज्ञापन देना शुरू किया। जिसमें वह नामी बैंकों से सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज दिलाने का झांसा देता था। जो भी उसका शिकार बनता था। उससे कागी कार्यवाही को लेकर हजारों रुपये ठग लिया करता था। फोन पर बात करने के लिये वह फर्जी मोबाइल सिम कार्ड भी खरीदता था और कंपनी/बैंक का कानूनी सलाहकार या मैनेजर बनकर लोन पास कराने के नाम पर लोगों से बात करता था।
इसके बाद कर्ज चुकाने के लिए अलग-अलग चार्ज के बहाने उनसे पैसे मांगता था। आरोपित मुकेश शादीशुदा है और उसकी दो बेटियां हैं। उसने 9वीं तक पढ़ाई की है। पहले, उन्होंने शहर के संग्रह के नाम और शैली के साथ एक ऋण वसूली कंपनी में वसूली एजेंट के रूप में काम किया। 2018 में, उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई और वह अपने घर का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं था। इसके बाद वह कर्ज दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने लगा।