रुद्राक्ष का स्पर्श एवं दर्शन करने से प्राणी अपने सभी पापों से मुक्त होता : सुधीर
— यज्ञ आचार्य एवं संयोजक पण्डित प्रिंस मुदगिल व भक्त रवि मदान ने आए भक्तों का जताया आभार
शिव महापुराण कथा एवं रूद्र महायज्ञ में मौजूद महिलाएं ।
गन्नौर। जन कल्याण के लिए बसंत बिहार में तीसरे दिन शिव महापुराण कथा एवं रूद्र महायज्ञ में हुआ। जिसमें कथा वाचक आचार्य सुधीर महाराज ने कथा करते हुए कहा कि रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का अंश है। रुद्राक्ष का स्पर्श एवं दर्शन करने से प्राणी अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष धारण करने वाले प्राणी की आयु में वृद्धि होती है, आने वाले कष्टों से रक्षा होती है। रुद्राक्ष धारण करने वाले जीव पर भगवान शिव सदा कृपा बनाए रखते हैं। मां लक्ष्मी उस व्यक्ति को कभी छोड़कर नहीं जाती है जो रुद्राक्ष की पूजा व रुद्राक्ष धारण करता है। श्रावण मास में पंचामृत से स्रान करवा कर भगवान शिव के नाम का उच्चारण करते हुए अगर कोई प्राणी अपने गले में या कलाई पर रुद्राक्ष धारण करता है तो उसके ऊपर बुरे ग्रहों का का प्रभाव नहीं पड़ता। यज्ञ आचार्य एवं संयोजक पण्डित प्रिंस मुदगिल ने कहा कि एक से 14 मुखी रुद्राक्ष में अलग-अलग देवताओं की शक्ति विराजमान रहती है। जैसे एक मुख में साक्षात भगवान शिव, दो मुखी रुद्राक्ष में उमाशंकर, तीन मुखी में तीनों देवता, चार मुखी में परब्रह्म, पंचमुखी में रुद्र, छह मुखी में स्वामी कार्तिक, सात मुखी में अनंग, आठ मुखी में भैरव, नौ मुखी में कपिल,10 मुखी में विष्णु ,11 मुखी में महारुद्र,12 मुखी में सूर्य,13 में विश्वदेव और 14 में सदाशिव की शक्ति विराजमान रहती है। रुद्राक्ष धारण करने वाले जीव को देवता भी नमन करते हैं। इस अवसर पर भक्त रवि मदान व प्रिंस मुदगिल ने आए हुए भक्तों का आभार व्यक्त किया।