राष्ट्रीय

 देश के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए केन्द्र सरकार प्रतिबद्ध- ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली, 23 दिसंबर। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में शत प्रतिशत नागरिकों को किफायती एवं उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं और बीते आठ वर्षों में इस दिशा में सरकार तेज़ गति से अग्रसर है। उन्होंने केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के आठ वर्षों के कार्यकाल का लेखा जोखा साझा किया और कोरोना की नयी लहर की आशंका को लेकर आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री ने उच्च स्तर पर इसकी तैयारियों की समीक्षा की है। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक बुलायी गयी है। केन्द्र सरकार हर स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पिछले आठ सालों में भारतीय जनता पार्टी का संकल्प एक समग्र स्वास्थ्य सेवा सुलभ कराना रहा है। भारत का स्वास्थ्य बजट वर्ष 2014 में 33 हजार 280 करोड़ रुपए से बढ़कर 83 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में 10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ लोगों को जोड़ा गया है। 21 करोड़ आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। 22 हजार अस्पताल सूचीबद्ध किये गये हैं।

सिंधिया ने कहा कि दवा को किफायती बनाने के लिए प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र खोले गये हैं। भारत में दवाएं यूरोप एवं अमेरिका की तुलना में सस्ती हैं। देश में प्रति परिवार दवाओं पर खर्च 64 प्रतिशत से घटकर 48 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में देश में 2014 तक छह अखिल आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले गये थे और 2014 से अब तक 16 नये एम्स के साथ देश में एम्स की संख्या 22 हो गयी है। देश में 261 नये मेडिकल कॉलेजों के साथ कुल मेडिकल कॉलेज 650 से अधिक हो गये हैं। एमबीबीएस की सीटें 90 प्रतिशत वृद्धि के साथ 45 हजार नयी सीटें सृजित हुई हैं जबकि स्नातकोत्तर सीटों में 150 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 32000 नयी सीटें सृजित हुईं हैं। उन्होंने कहा कि देश में आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश में 75 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खोले गये हैं। देश में 157 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदलने का फैसला किया गया और अब तक 94 मेडिकल कॉलेज कार्यान्वित हो गये हैं। देश में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर एवं नवजात मृत्यु दर में खासी कमी आयी है।

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