टिकाऊ बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर रही केन्द्र सरकार- प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली, 26 मई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि बुनियादी ढांचे को सर्वोच्च महत्व देने वाले देश विकासशील से विकसित देश बन जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार पूरी तरह से उच्च गुणवत्ता और टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किए हुए है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को चेन्नई के जवाहर लाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे सहित बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने और कनेक्टिविटी बढ़ाने से जुड़ी 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की 11 परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित व शिलान्यास किया। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम तमिलनाडु विकास यात्रा के एक और शानदार क्षेत्र का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है और कई ती नींव रखी गई है। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले, बुनियादी ढांचे को सड़कों, बिजली और पानी के संदर्भ में देखा जाता था। आज हम देश के गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार करने के लिए काम कर रहे हैं। हाई स्पीड इंटरनेट को हर गांव तक पहुंचाना उनकी सरकार का विजन है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल भाषा और तमिल लोगों की प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि तमिल भाषा शाश्वत है और तमिल संस्कृति वैश्विक है। चेन्नई से कनाडा तक, मदुरै से मलेशिया तक नमक्कल से न्यूयॉर्क तक, सेलम से दक्षिण अफ्रीका तक पोंगल और पुथंडु के अवसरों को बड़े उत्साह के साथ चिह्नित किया जाता है।
मोदी ने कहा कि भारत सरकार तमिल भाषा और संस्कृति को और लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस साल जनवरी में, चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए परिसर का उद्घाटन किया गया। नया परिसर पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन पर एक ‘सुब्रमण्यम भारती पीठ’ की घोषणा हाल ही में की गई थी। यह इसलिए भी खास है कि बीएचयू उनके निर्वाचन क्षेत्र में स्थित है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री पड़ोसी श्रीलंका का भी जिक्र किया और कहा कि भारत सरकार आर्थिक संकट से जुझ रहे देश को हर संभव मदद मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका वर्तमान में मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उन्हंष विश्वास है कि राज्य के लोग भी वहां के घटनाक्रम से चिंतित हैं। एक घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी के रूप में भारत श्रीलंका को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।