आजादी का अमृत महोत्सव की श्रंखला में आयोजित मिट्टी से निर्मित मटका व कसोरा पेंटिग कार्यशाला का हुआ समापन
-स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर आयोजित हुई 2 दिवसीयकार्यशाला-कार्यशाला में सरकारी स्कूल की छात्राओं के साथ जेबीटी छात्राओं ने भी लिया हिस्सासोनीपत 19 मई ।
आजादी का अमृत महोत्सव की श्रंखला में शहर के कोट मोहल्ला स्थित स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में अंतर्राष्टï्रीय संग्रहालय दिवस पर आयोजित 2 दिवसीय मिट्टी से निर्मित मटका व कसोरा पेंटिग कार्यशाला का समापन हुआ। इस कार्यशाला में सरकारी स्कूल की 3 दर्जन से अभी अधिक छात्राओं ने आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव के दौरान मनमोहक चित्रकारी कर अपनी कला का परिचय दिया। इस कार्यशाल का आयोजन राष्टï्रीय कला केंद्र भारत सरकार एवं जिला प्रशासन ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी के नेतृत्व में किया गया।स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में दो दिवसीय मटका व कसोरा पेंटिंग कार्यशाला के दौरान सरकारी स्कूलों की छात्राएं विभिन्न तरह की चित्रकारी बनाई , जिसमें कुछ छात्राएं जेबीटी की भी शामिल रही। यहां खास बात यह है कि इन सब छात्राओं को खासतौर से कच्ची मिट्टी से बने बर्तनों पर किस तरह से पुराने समय के दौरान चित्रकारी कर सजाया जाता था वह ज्ञान इनको दिया गया । यहां पर पेंटिंग कर बच्चों में भी अच्छी खासी खुशी देखने को मिली है अधिकतर जेबीटी छात्रा मीनू और नितिका का कहना था कि उन्होंने संग्रहालय देखने के साथ-साथ मिट्टी के बन बर्तन पर भी चित्रकारी करना भी अब सीख लिया है । ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी और जिला प्रशासन द्वारा यह उनके लिए एक अच्छा आयोजन किया गया है जिन्होंने ऐतिहासिक धरोहर संग्रहालय को भी देखा है।दिल्ली से सोनीपत म्यूजियम में बच्चों की कार्यशाला में उन्हें मार्गदर्शन करने पहुंची सुरूचिका चावला, और राष्ट्रीय कला केंद्र से संरक्षण विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आंचल पांड्या ने बताया कि 2 दिवसीय स्कूली बच्चों कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें बच्चों ने खास तौर से मिट्टी से बनने वाली वस्तुओं के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ बच्चों को संग्रहालय के विषय में बारीकी से बताया गया और सोनीपत जिला में मौजूद ऐतिहासिक विरासत के बारे में समझाया गया है। इस दौरान सरकारी विद्यालय से पहुंची टीचर भी काफी खुश नजर आई , दीपिका टीचर ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला सरकार प्रशासन को समय-समय पर ऐतिहासिक धरोहरों पर जरूर आयोजित करवानी चाहिए ताकि बच्चों का मानसिक विकास हो सके।कार्यशाला में खासतौर से जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की गायक टीम ने भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, हरियाणा में कम होती लड़कियां करवाई जा रही भ्रूण हत्या पर जागरूक रहो बेटियों को बचाओ बेटियां हैं शक्तिशाली से संबंधित रागिनी यों की शानदार प्रस्तुतियां भी दी गई और यहां पर गर्मी के दौरान ठंडाई और भंडारे का भी आयोजन हुआ ।