बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने में विफल है केन्द्र सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली
कांग्रेस ने बिजली संकट के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार कोयले की खानों से बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचा पाने में विफल साबित हो रही है। जिसके कारण देश में बिजली संकट पैदा हो गई है।
वल्लभ ने कहा कि देश के 16 राज्यों में सिर्फ 10 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो पा रही है। उन्होंने कहा कि कोयले के अभाव में 72 हजार मेगा वार्ड के क्षमता वाले बिजली संयंत्र बंद हैं। हर दिन 16 हजार 32 मेगा वार्ड बिजली की जरूरत है लेकिन केन्द्र सरकार सिर्फ 2350 मेगा वार्ड की सप्लाई दे पा रही है। राज्य सरकारें केन्द्र से 12 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली खरीदती हैं। इतना पैदा देने के बाद भी राज्यों को बिजली नहीं मिल पा रही है।
उन्होंने कहा कि रेलवे और कोयला मंत्रालय दोनों ही केन्द्र के अधीन है। ऐसे में मोदी सरकार राज्यों पर भी आरोप नहीं मढ़ सकती है। उन्हें इस मामले की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वल्लभ ने कहा कि हर दिन बिजली संयंत्रों को 22 लाख टन कोयले की जरूरत है। लेकिन उन्हें सिर्फ 16 लाख टन ही मिल पा रहा है।
वल्लभ ने कहा कि मई महीने में बिजली की मांग और अधिक होने वाली है। ऐसे में केन्द्र सरकार को अपनी पूरी तैयारी कल लेना चाहिए नहीं तो समस्या और गंभीर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत में बिजली संकट और भी गंभीर है। यूपी के अधिकतर गांवों में सिर्फ चार घंटे ही बिजली मिल रही है।