राष्ट्रीय

 देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में शिपयार्ड उद्योग का योगदान अहम: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, 02 दिसंबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में शिपयार्ड उद्योग के योगदान को सराहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा शिपयार्ड ने खुद की भी आर्थिक स्थिति मजबूत की है। वर्ष 2021-22 के दौरान इन शिपयार्ड ने 8924.90 करोड़ रुपये मूल्य के जहाजों का उत्पादन किया और टैक्स चुकता करने के बाद इन्हें 927.86 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। वर्तमान में इन शिपयार्ड के पास 81777.45 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को मुंबई में रक्षा शिपयार्ड पर रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिपयार्ड उद्योग से स्वदेशी होने का आह्वान करते हुए कहा कि आने वाले समय में न सिर्फ घरेलू जरूरतें पूरी करनी होंगी, बल्कि निर्यात ऑर्डर भी प्रतिस्पर्धी आधार पर पर हासिल करने होंगे। रक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई कि शिपयार्ड के शीर्ष प्रबंधन ने आज के प्रतिस्पर्धी माहौल को भली-भांति समझा है और अपने आपको बदलते हुए परिवेश में ढालने की कोशिश जारी रखकर सफलता पाएंगे। इन शिपयार्ड में गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के माध्यम से खरीद होने पर न केवल घरेलू उत्पादों को प्रोत्साहन मिल रहा है, बल्कि खरीद में अत्यधिक पारदर्शिता आई है।

सलाहकार समिति के बतौर चेयरमैन राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी शिपयार्ड के लिए जीईएम के माध्यम से 2022-23 के तहत खरीद बढ़ाने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त इन शिपयार्ड के लिए कुल खरीद का 25 प्रतिशत एमएसएमई से करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सृजन पोर्टल में शिपयार्ड के 783 आइटम हैं जो पहले स्वदेशी डीलर उपलब्ध न होने की वजह से आयात किए गए थे। शिपयार्ड इस सूची की 73 वस्तुओं का स्वदेशीकरण करने में सफल रहे हैं। शेष वस्तुओं का निजी उद्योगों के सहयोग से स्वदेशीकरण करने के प्रयास प्रगति पर हैं। इस तरह डिफेंस शिपयार्ड ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को भी साकार किया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि डिफेंस शिपयार्ड लगातार नौसेना और तटरक्षक के परामर्श से अहम भूमिका निभा रहे हैं। हमारे डिफेंस शिपयार्ड ने न केवल समय पर डिलीवरी का ख्याल रखा है, बल्कि ये सभी अपने उत्पादों की गुणवत्ता में भी अग्रणी रहे हैं। हमारी समुद्री सीमा की रक्षा के लिए नौसेना और तटरक्षक की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। नौसेना और कोस्टगार्ड की मजबूती तभी संभव है, जब हम उन्हें अत्याधुनिक जहाज एवं हथियारों से सुसज्जित करेंगे। रक्षा मंत्रालय विभिन्न विषयों पर कई बैठक कर चुका है। हमारा प्रयास रहता है कि मंत्रालय में हो रहे कामकाज से अवगत कराएं, भविष्य में होने वाले कामों की रूपरेखा बताएं और आप सभी से सुझाव लेकर आगे बढ़ें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker