राष्ट्रीय

भारत में मतभिन्नताओं के बावजूद, लोक कल्याण के मुद्दों पर सर्वसहमति: लोक सभा अध्यक्ष

-लोक सभा अध्यक्ष ने भारत-मेक्सिको मैत्री उद्यान का उद्घाटन किया

मेक्सिको सिटी / नई दिल्ली; 02 सितंबर। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत की संसद लोगों के जीवन में तेजी से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक महत्व के मामलों को सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के सदस्यों द्वारा संसद में उठाया जाता है। मतभिन्नताएं होते हुए भी जनकल्याण के मुद्दों पर आम सहमति होती है और संसदीय समितियां कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रभावी तंत्र के रूप में कार्य कर रही हैं।

बिरला मेक्सिको की यात्रा पर हैं। वे भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने आज मेक्सिको के चापिंगो विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता सेनानी, डॉ. पांडुरंग खानखोजे की प्रतिमा का अनावरण किया।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि डॉ. पांडुरंग खानखोजे एक उत्कृष्ट भारतीय क्रांतिकारी, विद्वान, कृषि वैज्ञानिक और राजनेता थे, जो गदर पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। मैक्सिको में कृषि क्षेत्र में उनके योगदान से इस क्षेत्र में खुशहाली आई और लाखों लोगों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आया। बिरला ने कहा कि डॉ. खानखोजे भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं जिनका नाम मेक्सिको की विकास यात्रा के साथ जुड़ा रहेगा।

बिरला ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब डॉ. खानखोजे जैसे शहीदों को याद किया जा रहा है और भारत में उनकी जीवन यात्रा को प्रेरणास्रोत के रूप में लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करके हमने उनकी स्मृति को भारत और मैक्सिको के लोगों के लिए हमेशा के लिए यादगार बना दिया है।

लोकसभा अध्यक्ष ने मेक्सिको में चापिंगो विश्वविद्यालय का दौरा भी किया। यह लैटिन अमेरिका का सबसे पुराना कृषि विश्वविद्यालय है।

बाद में बिरला ने मेक्सिको में चैंबर ऑफ डेप्युटीज के प्रेसिडेंट सैंटियागो क्रील से मुलाकात की। गर्मजोशी भरे और सौहार्दपूर्ण माहौल में विशिष्टजनों के बीच पारस्परिक महत्व के कई मामलों पर चर्चा हुई । बिरला ने इस दौरान कहा कि भारत और मैक्सिको के बीच ऐतिहासिक घनिष्ठ संबंध हैं और मेक्सिको 1947 में भारत को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाला पहला देश था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत की खोज पर निकले अभियान के फलस्वरूप मेक्सिको की खोज हुई और आधुनिक दुनिया को इसके बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि तब से दोनों देशों के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के क्षेत्र में संबंध मजबूत होते गए हैं। बिरला ने कहा कि दोनों देश दुनिया में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा कर रहे हैं।

भारत और मेक्सिको की सभ्यता और संस्कृति के बीच समानताओं का उल्लेख करते हुए बिरला ने दोनों देशों के बहु-जातीय और बहु-धार्मिक समाजों में सद्भाव और भाईचारे की सराहना की। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि दोनों सांसदों ने 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे हम पर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। बिरला ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि इस संबंध में कार्ययोजना तैयार है।

लोकसभा अध्यक्ष ने मेक्सिको की संसद का दौरा भी किया जहां उन्हें मैक्सिकन संसद के कामकाज के बारे में जानकारी दी गई। बिरला को भारत और मेक्सिको की लोकतांत्रिक परंपराओं के बीच कई समानताएं दिखाई दीं। उन्होंने कहा “इससे मेरे विश्वास की पुष्टि हुई है कि संसद वाद-विवाद और चर्चा तथा नीति निर्माण का मंच है जिसके माध्यम से जन कल्याण होता है। कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को हमारे कानूनों और नीतियों से लाभान्वित होना चाहिए” ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker