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 मध्य प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा के तटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, लगाई आस्था की डुबकी

भोपाल, 8 नवंबर । मध्य प्रदेश में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा के तटों पर पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। आज चंद्रग्रहण का भी संयोग बन रहा है। इसे देखते हुए सूतक शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं की नर्मदा के विभन्न तटों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। प्रशासन ने भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घाटों पर व्यापक व्यवस्थाएं की हैं।

तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए मंगलवार को सुबह आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। यहां करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने नर्मदा में स्नान कर भगवान ओंकारेश्वार के दर्शन किए। नगर परिषद, ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट प्रशासन और पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। नर्मदा के घाटों पर सुरक्षाकर्मी और गोताखोरों की तैनाती के साथ पेयजल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। चंद्र ग्रहण होने के कारण यहां मंदिर के पट दोपहर दो बजे से शाम 6:30 बजे तक बंद रहेंगे। इसे देखते हुए सुबह चार बजे से ही मंदिर के पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए थे। यहां दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

वहीं, नर्मदापुरम में नर्मदा-तवा नदी के संगम स्थल बांद्राभान में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पवित्र स्नान करने के लिए सुबह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां अलसुबह से ही श्रद्धालु संगम स्थल पर आना शुरू हो गए थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने व्यवस्था की। सिटी कोतवाली, देहात थाना, पुलिस लाइन के 200 जवानों को तैनात किया गया है। संगम स्थल पर 60 होमगार्ड जवान व 200 आपदा मित्र तैनात रहे।

कमांडेंट राजेश जैन ने बताया कि तीन अस्थायी शिविर भी तैयार किये गए हैं, जिसमें जवानों को ठहराया गया है। संगम स्थल पर डुबकी लगाने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। करीब एक किमी पहले ही वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। कई गांव के लोग पड़िहार के साथ पहुंचे। ग्रामीणों का मनना है कि प्रेत बाधा संगम स्थल पर स्नान करने से दूर हो जाती है। यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि उनके वाहन सुरक्षित खड़े रहे और उन्होंने स्नान भी सुविधाजनक रूप से किया। किसी तरह की परेशानी नहीं आई।

इसी तरह नर्मदापुरम, जबलपुर के भेड़ाघाट, ग्वारीघाट, महेश्वर-मंडलेश्वर में नर्मदा तटों पर सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके अलावा उज्जैन में रामघाट पर हजारों श्रद्धालु पहुंचे और शिप्रा में स्नान करने के बाद बाबा महाकाल के दर्शन किए।

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