जाने-माने लेखक डॉ. बीरबल झा ऑथर सेलेब्रिटी समूह के टॉप-5 में शामिल
नई दिल्ली, 08 अगस्त। जाने-माने लेखक डॉ. बीरबल झा को भारत के टॉप-20 सेल्फ-हेल्प ऑथर सेलेब्रिटी समूह में शामिल किया गया है। सेलेब नेटवर्थ डॉट कॉम की सोमवार को जारी सूची के मुताबिक डॉ. बीरबल झा पांचवें स्थान पर हैं। इस सूची में दीपक चोपड़ा पहले स्थान पर और डीन पांडे दूसरे नंबर पर हैं। वहीं, सद्गुरु इस सूची में तीसरे और जेबी ग्लोसिंगर चौथे नंबर पर है।
सेलेब नेटवर्थ डॉट कॉम सूची के मुताबिक डॉ. बीरबल झा की अब तक की सर्वश्रेष्ठ सेल्फ-हेल्प बुक ‘सेलिब्रेट योर लाइफ’ के अलावा ‘स्पोकन इंग्लिश किट’ की लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं। इसके पठन-पाठन से भारतीय युवाओं के जीवन पर सकारात्मक और आशावादी प्रभाव पड़ा है, जिसे एक सामाजिक परिवर्तन और चेतना के रूप में देखा जा रहा है।
लेखक डॉ. झा समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे अंग्रेजी संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास, मैनुअल, पालन-पोषण और भारतीय संस्कृति पर 30 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं। डॉ. झा को सामाजिक एवं व्यावसायिक मोर्चे पर निचले तबके और जन-जन तक अंग्रेजी भाषा के लाभ को पहुंचाने का श्रेय जाता है। उन्होंने साल 1993 में ‘इंग्लिश फॉर ऑल’ का नारा देते हुए सामाजिक संस्था ‘ब्रिटिश लिंगुआ’ की स्थापना बिहार की राजधानी पटना में की थी। वर्ष 2017 में मशहूर लेखक विवेकानंद झा द्वारा लिखित ‘द लिविंग लीजेंड्स ऑफ मिथिला’ पुस्तक का प्रकाशन हुआ, जिसमें क्षेत्र की 25 प्रमुख हस्तियों के जीवन रेखाचित्र एवं सामाजिक योगदान का उल्लेख है।
डॉ. बीरबल झा को ‘यंगेस्ट लिविंग लीजेंड ऑफ मिथिला’ की उपाधि से नवाजा गया। डॉ. झा को उनकी सांस्कृतिक पहल- ‘पाग बचाओ अभियान’ के लिए ‘पागमैन ऑफ इंडिया’ के रूप में भी जाना जाता है। उनके इस अभियान के फलस्वरूप, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने साल 2017 में मिथिला की सांस्कृतिक पहचान-पाग पर डाक टिकट जारी किया था। मिथिला के इतिहास में यह अपनी तरह का पहला सांस्कृतिक अभियान है। डॉ. झा के सामाजिक नेतृत्व के तहत क्षेत्र के 4 करोड़ से अधिक लोग इस अभियान से जुड़े हैं।
डॉ. झा शीर्ष संचार कौशल प्रशिक्षक एवं ब्रिटिश लिंगुआ के प्रबंध निदेशक के अलावा एक प्रसिद्ध लेखक, सामाजिक उद्यमी, गीतकार, भाषाविद्, स्तंभकार, सामाजिक विचारक और कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए स्ट्रक्चरल-कम-इंटरएक्टिव मेथड के तहत अद्वितीय एंड्रागोजिकल मैनुअल-‘इंग्लिश सिम’ तैयार किया, जो कि मील का पत्थर साबित हुआ। जिससे लाखों शिक्षार्थी लाभान्वित हुए और उनकी जीवनशैली बदली। साल 2009 में बिहार सरकार ने सरकारी हाई स्कूल के शिक्षकों हेतु पहली बार ‘स्पोकन इंग्लिश एंड कैपेसिटी बिल्डिंग’ प्रशिक्षण कार्यक्रम को कार्यान्वित किया, जिसकी जिम्मेदारी डॉ बीरबल झा को दी गई, जिसने एक बेंचमार्क स्थापित किया।
डॉ बीरबल झा अपने गृह राज्य बिहार के 30 हजार से अधिक गरीबों को अंग्रेजी शिक्षा और प्रशिक्षण देकर उनके जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन लाने में सफल रहे हैं। उनके इस क्रांतिकारी कदम के परिणामस्वरूप युवा वर्ग की जीवन शैली और उनके करियर-उन्मुख होने में एक महान सामाजिक परिवर्तन हुआ है। दिल्ली में आयोजित 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी उनकी भूमिका अहम रही। डॉ. झा ने राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन को सफल बनाने में जुटे युवाओं को स्पोकन इंग्लिश स्किल्स एवं सामाजिक आचार-व्यवहार का प्रशिक्षण प्रदान कर उनके नेतृत्व कौशल को परिष्कृत किया। उनके इस प्रयास की काफी सराहना हुई।