दिल्लीराष्ट्रीय

यूक्रेन घटनाक्रम पर भारत शांति का पक्षधर : विदेश मंत्री

नई दिल्ली

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत किसी भी प्रकार के सैन्य संघर्ष के खिलाफ है। यूक्रेन को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट है, हिंसा से किसी मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता। आज के समय में कूटनीति और बातचीत से ही हर मुद्दे का समाधान निकलेगा। जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है।

विदेश मंत्री ने बुधवार को यूक्रेन पर हुए घटनाक्रम के बारे में लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के सम्मान के सिद्धांतों के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देता है।

जयशंकर ने यूक्रेन के बूचा में हुई हिंसा की निंदा की, लेकिन घटना की स्वतंत्र जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कई सांसदों ने बूका में हुई घटना को उठाया है। वे कहना चाहते हैं कि रिपोर्टें बहुत परेशान करने वाली हैं। हम वहां हुई हत्याओं की कड़ी निंदा करते हैं। यह एक गंभीर मामला है और हम स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं।

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के दौरान भारत का बचाव अभियान दुनिया का सबसे बड़ा रहा है। किसी भी अन्य देश ने इस स्तर पर जाकर अपने नागरिकों को संघर्ष क्षेत्र से बाहर नहीं निकाला होगा। यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका को अहम बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि छात्रों को निकालने के लिए उन्होंने रूस, यूक्रेन और पड़ोसी देशों के नेताओं से व्यक्तिगत रूप से बात की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भारतीय मंत्रियों का जाना भी काफी सहायक सिद्ध हुआ। उनके वहां रहने से हमें आवश्यक जरूरी मदद मिल सकी।

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। सभी देशों की तरह, हम भी प्रभाव का आकलन कर रहे हैं और यह तय कर रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय हित के लिए सबसे अच्छा क्या है। इन परिस्थितियों में भारत को क्या करना चाहिए। ऐसे समय में जब ऊर्जा की लागत बढ़ गई है, स्पष्ट रूप से हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि भारत में आम व्यक्ति पर अतिरिक्त और अपरिहार्य बोझ न पड़े।

यूक्रेन संघर्ष के दौरान भारत दुनिया की मदद के लिए आगे आया है। इस बात का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत इस समय दुनिया को बिना फायदे के अनाज की मदद के लिए तैयार है। हमसे अनाज और चीनी के लिए कई देशों ने संपर्क साधा है। भारत इस स्थिति में श्रीलंका की तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए भी आगे आया है।

मेडिकल छात्रों की शिक्षा के बारे में जयशंकर ने कहा कि हम हंगरी, रोमानिया, चेक गणराज्य, कजाकिस्तान और पोलैंड से यूक्रेन से निकाले गए छात्रों की शिक्षा जारी रखने के बारे में संपर्क कर रहे हैं। इन देशों का शिक्षा मॉडल यूक्रेन के समान है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker