राष्ट्रीय

विदेश मंत्री जयशंकर ने की भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता

– भारतीय समुदाय से बातचीत में रूस से तेल खरीद को ठहराया जायज

– श्रीलंका में पहुंचे चीनी सैन्य जहाज से जुड़े घटनाक्रम पर बोले, रखी जा रही बारीकी से नजर

नई दिल्ली, 17 अगस्त। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को थाईलैंड के अपने समकक्ष डॉन प्रमुदविनई के साथ 9वीं भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की।

बैठक की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि बातचीत दोनों देशों के सभी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उपयोगी रही। इसमें राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और रक्षा, कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक जुड़ाव को बढ़ाने पर चर्चा की गई।

उन्होंने कहा कि इस दौरान दोनों देशों के पड़ोसी के रूप में म्यांमार की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। साथ ही आसियान और बिम्सटेक के भीतर आपसी सहयोग तथा हिंद-प्रशांत पर अपने दृष्टिकोण साझा किए गए। इस बीच स्वाआस्य्सट और प्रसारण में सहयोग पर आज हस्तांक्षरित करार हमारे संबंधों को आगे बढ़ाएंगे।

यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा से भेंट की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से बधाई दी। जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि दोनों देश राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं ऐसे में आपसी संबंधों को बढ़ाने के विषय पर उनके मार्गदर्शन से वे लाभान्वित हुए।

विदेश मंत्री ने अपनी थाईलैंड की यात्रा की शुरुआत भारतीय समुदाय से मुलाकात के साथ की। इस दौरान उन्होंने उनके साथ न्यू इंडिया की उपलब्धियों और आकांक्षाओं को साझा किया। उन्होंने भारत की प्रगति में योगदान करने के भारतीय समुदाय के उत्साह का स्वागत किया।

इस दौरान विदेश मंत्री ने एक बार फिर रूस से तेल खरीद को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में तेल की बढ़ी कीमतों के बीच भारत का यह दायित्व है कि हम अपने लोगों को सस्ता तेल मुहैया कराएं। अमेरिका और दुनिया के अन्य देश भारत के रूसी तेल खरीदने को भले ही सही न माने लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। भारत अपने इस रुख को लेकर रक्षात्मक नहीं है। भारत ने उन्हें इस बात का एहसास कराया कि सरकार का अपने लोगों के प्रति तेल और गैस कीमतें कम रखने से जुड़ा दायित्व है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के चलते यूरोप और अन्य देश अब रूस से तेल और गैस आयात में कटौती कर रहे हैं। यह देश अब एशियाई देशों को तेल और गैस की आपूर्ति करने वाले सप्लायर से अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। इसके चलते तेल और गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। ऐसे समय में हर देश अपने लोगों के लिए सबसे बढ़िया डील चाहता है। यही भारत भी कर रहा है।

थाईलैंड और भारत के विदेश मंत्रालयों द्वारा बैंकॉक में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत श्रीलंका में एक चीनी सैन्य जहाज से जुड़े घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा पर असर डालने वाले किसी भी घटनाक्रम पर हमारी नजर रहती है। यह बात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी स्पष्ट की है।

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