आस्था, सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक है हरियाली तीज का त्यौहार-उपाध्यक्ष सरिता सिवाच
-तीज का पर्व हमें प्रकृति से जुड़े रखने का देता है संदेश-नगराधीश डॉ० अनमोल
-जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा बालग्राम राई में धूमधाम से मनाया गया हरियाली तीज महोत्सव
-परिषद् की उपाध्यक्ष सरिता सिवाच और नगराधीश अनमोल ने झूला झूलकर दी जिलावासियों को हरियाली तीज की शुभकामनाएं
सोनीपत, 31 जुलाई। जिला बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष सरिता सिवाच ने कहा कि तीज का त्यौहार आस्था, सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक है, क्योंकि इस दिन हम सभी अपसी मतभेदों को भूलकर बहुत ही प्रेम के साथ एक मिल जुलकर इस पर्व को बहुत खुशी के साथ मनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व महादेव शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जो हमारी आस्था का प्रतीक है।
जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा बालग्राम राई में बड़ी धूमधाम से हरियाली तीज महोत्सव मनाया, जिसमें जिला बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष सरिता सिवाच ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए उपस्थित सभी महिलाओं व लड़कियों को हरियाली तीज की बधाई दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगराधीश डॉ० अनमोल ने की। इस मौके पर परिषद की उपाध्यक्ष सरिता सिवाच एवं नगराधीश डॉ० अनमोल ने झूला झूलकर हरियाणवी संस्कृति की गीत गाते जिला एवं प्रदेशवासियों को तीज महोत्सव की बधाई दी और उनकी सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने इस दौरान सभी प्रतिभागियों को हरियाणवी दामन, कुर्ते, चुंदड़ी की ड्रेस भी देने के लिए घोषणा की ताकि सभी बच्चे अपनी संस्कृति और वेशभूषा से रूबरू हो सकें।
श्रीमती सिवाच ने कहा कि तीज के उत्सव में कुवारी कन्याओं से लेकर विवाहित युवा और वृद्ध महिलाएं सम्मिलित होती हैं। नव विवाहित युवतियां प्रथम सावन में मायके आकर इस हरियाली तीज में सम्मिलित होने की परम्परा है। हरयिाली तीज के दनि सुहागन स्त्रयिां हरे रंग का श्रृंगार करती हैं। इसके पीछे धार्मकि कारण के साथ ही वैज्ञानकि कारण भी सम्मिलित है। मेंहदी सुहाग का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। इसलिए महिलाएं सुहाग पर्व में मेंहदी अवश्य लगाती है। इसकी शीतल प्रकृति प्रेम और उमंग को संतुलन प्रदान करने का भी काम करती है।
इस अवसर पर जिला बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष सरिता सिवाच ने बाल भवन द्वारा आयोजित मेहंदी रचाओ प्रतियोगिता प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली सोनम, दिव्या व भारती, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली रेनू व अंजलि तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली डिंपल व काजल और सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाली अश्वनी व काजल को सम्मानित किया। इसके अलावा व्यंजन प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागियों की सुंदर प्रतिभागीता होने के कारण सभी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर नगराधीश डॉ० अनमोल ने कहा कि तीज का पर्व हमें प्रकृति से जुड़े रखने का भी संदेश देता है। प्रकृति को समर्पित इस पर्व पर अपनी आस्था एवं भक्ति के साथ पर्यावरण को भी संरक्षित करने का संकल्प करें और माँ प्रकृति की आराधना करें। उन्होंने कहा कि तीज पर्व हरियाली का सूचक है। चारो और हरा-भरा वातावरण देखने को मिलता है। रिमझिम बरसात से मौसम सुहाना हो जाता है। भीषण गर्मी से राहत मिलती है। हरियाली तीज उमंग भरा त्योहार है। युवतियां तथा महिलाएं मेंहदी रचाती हैं। साथ ही खासतौर से झूला झूलती हैें। बच्चे और बड़े साथ मिलकर झूला डालते हैं। सब मिलकर झूलने का आनंद उठाते हैं। साथ ही घरों में पकवान बनाये जाते हैं। प्रमुख रूप से गूंजियां व गुलगुले बनाये जाते हैं। उन्होंने बालग्राम की लड़कियों को प्रोत्साहित किया कि वे हर भारतीय पर्व को धूमधाम से मनायें।
इस मौके पर जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा हुड्डा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रितु गिल, उपायुक्त महोदय की निजी सचिव सुनील कुमारी, बाल ग्राम राई इंचार्ज सीडीपीओ सतवंती मलिक, बाल संरक्षण अधिकारी (संस्थानिक) ममता शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी (गैर संस्थानिक)आरती, जिला बाल कल्याण परिषद बाल भवन से कार्यक्रम अधिकारी संदीप, सहायक कार्यक्रम अधिकारी धर्मपाल, ब्रहम प्रकाश खत्री, बाल कल्याण समिति सदस्य रितु, बबीता, काउंसलर रीना, बालग्राम राई काउंसलर गीता, मोनिका सहित बाल ग्राम राई का स्टाफ व लड़कियां मौजूद रही।