राष्ट्रीय

गतिरोध के पांच साल बाद डोकलाम के पास चीन ने बसाया नया गांव ‘पंगडा’

– नया गांव चीन की विस्तारवादी नीति के ताजा सबूत के तौर पर उभरा

– डोकलाम ट्राई-जंक्शन भारत के सुरक्षा हितों की दृष्टि से महत्वपूर्ण

नई दिल्ली, 20 जुलाई। डोकलाम गतिरोध के पांच साल बाद फ्लैश पॉइंट क्षेत्र से मुश्किल से 9 किमी पूर्व में ‘पंगडा’ नाम का पूरी तरह से बसा नया गांव चीन की विस्तारवादी नीति के ताजा सबूत के तौर पर उभरा है। चीनियों ने इसे पंगडा नाम इसलिए दिया है, क्योंकि भूटानी क्षेत्र में इसे ‘चौकोर’ कहा जाता है। भूटानी क्षेत्र के पास एक सड़क के निर्माण को लेकर 2017 में भारत और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की सेनाएं डोकलाम में 73 दिनों तक आमने-सामने रहीं थीं। डोकलाम ट्राई-जंक्शन भारत के सुरक्षा हितों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

पूर्वी लद्दाख में भारत से बुरी तरह चोट खाने से बौखलाया चीन अब एलएसी के दूसरे इलाकों में अपने पांव फैलाने में जुटा है। चीन की विस्तारवादी गतिविधियां अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ डोकलाम और भूटान में भी बढ़ रही हैं। सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि डोकलाम गतिरोध के पांच साल बाद फ्लैश पॉइंट क्षेत्र से मुश्किल से 9 किमी पूर्व में ‘पंगडा’ नाम का नया गांव बसाया है। सेटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि यह गांव न केवल पूरी तरह से बसा हुआ है, बल्कि ज्यादातर घरों के सामने कारें खड़ी हैं। इसके अलावा गांव के करीब एक ‘ऑल-वेदर कैरिज-वे’ है जो भूटान में 10 किमी. में प्रवेश करता है और अमो चू नदी के किनारे है।

रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि पंगडा गांव का पूरी तरह से आबादी वाले गांव के रूप में उभरना 2017 के डोकलाम संकट की वापसी है जब भारतीय और चीनी सैनिक 73 दिनों तक एक-दूसरे के सामने थे। उस समय भारतीय सैनिकों ने चीनी श्रमिकों को डोकलाम पठार से सटे एक रणनीतिक झाम्फिरी रिज तक जाने से रोक दिया था। यहां से भारतीय सेना के हटने के बाद चीन ने विवादित स्थल को छोड़कर दूसरे रास्ते से दक्षिण डोकलाम में झाम्फिरी रिज तक सड़क बना ली थी। डोकलाम एक विवादित पहाड़ी इलाका है, जिस पर चीन और भूटान दोनों ही अपना दावा जताते हैं। डोकलाम पर भूटान के दावे का भारत समर्थन करता है।

द इंटेल लैब के एक भू-स्थानिक खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन के हवाले से कहा गया है कि यह रिज पीएलए को सिलीगुड़ी कॉरिडोर या ‘चिकन नेक’ के लिए ‘डायरेक्ट लाइन-ऑफ-विज़न’ देगा जो पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ता है। इसके अलावा झाम्फिरी रिज का इस्तेमाल करके चीनी पीएलए वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करके भारतीय सेना के बचाव के चारों ओर जाना चाहती है। उपग्रह इमेजिंग सेवा मैक्सार की ताजा सेटेलाइट तस्वीरों में पंगडा गांव में पूरी तरह से निर्मित पुल और यहां छह इमारतों की नींव दिखाई दे रही है। इससे अलग-थलग क्षेत्र में सभी मौसमों लायक चीन की सड़क निर्माण गतिविधि के साथ ही दूरदराज के नए आवासों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी का भी खुलासा हुआ है।

डोकलाम एक ट्राई-जंक्शन है, जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है। इस क्षेत्र को लेकर भारत की चिंता इसलिए है कि चीन एकतरफा ट्राई-जंक्शन बदल रहा है। इसके अलावा चीन ने एलएसी के पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 4.5 किलोमीटर दूर एक पूरा गांव बसा लिया है। इस गांव में 100 घर हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग की सालाना रिपोर्ट में यह बात कही गई है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (पीआरसी) ने भारत-चीन के बीच विवादित क्षेत्र में 100 घर बना लिये हैं। यह इलाक़ा पीआरसी के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच में है। चीन ने एक साल के भीतर भूटान के 100 वर्ग किमी. के इलाके में चार नए गांव बसाए हैं।

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