बच्चो की सुरक्षा के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी:डा.शरत चंद्र
मोतिहारी,07 अक्टूबर। बच्चो को लिए नियमित टीकाकरण कराना जरूरी है।इससे बच्चों के शरीर की रक्षा व रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास भी होता है।उक्त बाते जिले के डीआईओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताते हुए कहा कि बच्चों के जन्म के बाद उनको कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण कराया जाना जरूरी है। टीकाकरण से बच्चों के शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे वे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित होते हैं। बच्चों के नियमित टीकाकरण से वे जल्दी किसी भी बीमारी की चपेट में नहीं आते हैं। समय पर टीकाकरण नहीं कराने वाले बच्चों के बीमार होने का खतरा अधिक होता है, ऐसे बच्चे बार- बार बीमार होकर कमजोर व कुपोषित हो जाते हैं जिसका असर उनके शरीर एवं मन पर पड़ता है।
उन्होने कहा कि बच्चो को छह जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके लगाना सभी जरूरी होता है।जिसमे खसरा, टिटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसे रोग शामिल है।इससे बचने के लिए समय पर टीकाकरण जरूरी है।उन्होने कहा कि कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें व होने वाले शिशु को टिटनस व अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों को जुकाम, बुखार होने पर उन्हें टीका न लगवायें।
उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित टीकाकरण सत्रों का संचालन किया जाता है। सभी सरकारी अस्पतालों में भी नियमित टीकाकरण के टीके नि:शुल्क उपलब्ध हैं। गर्भवती महिलाओं से आरंभ होकर शिशु के पांच साल तक होने तक के टीके नियमित रूप से दिये जाते हैं। ये टीके शिशुओं को कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं। -सुरक्षा के लिए ये टीके लगवाना हैं जरूरी -बच्चे के जन्म लेते ही उन्हें ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी -डेढ़ महीने बाद ओरल पोलियो-1, पेंटावेलेंट-1, एफआईपीवी-1, पीसीवी-1, रोटा-1 -ढाई महीने बाद ओरल पोलियो-2, पेंटावेलेंट-2, रोटा-2 -साढ़े तीन महीने बाद ओरल पोलियो-3, पेंटावेलेंट-3, एफआईपीवी-2, रोटा-3, पीसीवी-2 -नौ से 12 माह में मीजल्स-रुबेला 1, जेई 1, पीसीवी-बूस्टर, विटामिन ए -16 से 24 माह में – मीजल्स-रुबेला 2, जेई 2, बूस्टर डीपीटी, पोलियो बूस्टर, जेई 2