छात्र-छात्राओं को चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण के दिए मूल मंत्र
वैदिक सनातन प्रचार समिति के प्रचारक आचार्य सोमबीर शास्त्री के साथ स्कूली छात्र।
गन्नौर। वैदिक सनातन प्रचार समिति के प्रचारक आचार्य सोमबीर शास्त्री द्वारा संत विवेकानंद विद्यालय पुरखास में एक दिवसीय वैदिक प्रचार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सोमवीर शास्त्री ने बच्चों को वैदिक एवं ईश्वर के रूप, संस्कार, राष्ट्रभक्ति, ईश्वर की साधना के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया की आदि वैदिक काल में समस्त ब्रह्मांड में वैदिक धर्म ही था। इसके बाद अनेक धर्मों के नाम पर संस्थाएं बना दी गई जो केवल संप्रदाय हैं। शास्त्री ने विद्यार्थियों को बताया कि यदि जीवन में आगे बढ़ना है तो हमें आर्य संस्कारों को अपनाना होगा और यज्ञोपवित धारण करके उससे जुड़े हुए वचनों को पूरा करना होगा। यज्ञोपवीत धारण करने के बाद माता-पिता, गुरुजनों व प्रकृति की सेवा करते रहना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सभी धर्म कर्मों से ऊपर राष्ट्रभक्ति है। आचार्य सोमवीर शास्त्री ने प्रचार के दौरान छात्र-छात्राओं को चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले मूल मंत्र दिए। इस मौके पर स्कूल प्राचार्य राजकुमार आर्य, रुपेश आर्य, पूनम आर्य, सोम आर्य, सुमन आर्य, सुल्तान आर्य आदि मौजूद रहे।