बिहार

 राष्ट्रीय युवा महोत्सव कर्नाटक में हिस्सा लेंगे गया के लाल विशाल राज

गया,9 जनवरी। भारत सरकार युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित 26 वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव हुबली धरवाड़ (कर्नाटक) में 12 से 16 जनवरी 2023 तक होने जा रहा है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे l इस कार्यक्रम में बिहार के लाल राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित विशाल राज को आमंत्रित किया गया है l

ज्ञात हो कि गेवाल बिगहा पुलिस लाइन के निवासी चंदू यादव के प्रथम सुपुत्र विशाल राज महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सम्मानित होकर अपने ग्राम मोहल्ले एवं जिले के साथ-साथ राज्य का भी नाम गौरवान्वित किया है, उसी के पश्चात विशाल राज को 26th राष्ट्रीय युवा महोत्सव में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान हुआ l विशाल राज गत 6 वर्षों से सेवा,सेवा और सेवा को ध्यान में रखते हुए निरंतर सामाजिक गतिविधियों में आगे रहते हैं ।

गेवाल बिगहा पुलिस लाइन वार्ड 34 के निवासी चंदू यादव के पुत्र साथ ही साथ गया कॉलेज एमबीए विभाग के छात्र विशाल राज ने जिस ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से एनएसएस स्वयं सेवक ग्रुप में अपना योगदान और सेवा देते रहे हैं वह पूरे बिहार राज्य में किन्हीं से छुपा हुआ नहीं है। पूर्ण काल में इनके द्वारा चलाया गया अभियान कोई भूखा न सोए अति सराहनीय रहा और उन्होंने अपने पॉकेट मनी के साथ-साथ चंदा इकट्ठा करके निरंतर लोगों के बीच बांटा साथ ही साथ लोगों को अपने साथ अस्पताल ले जाकर उनका टीकाकरण भी करवाया 2 वर्ष पहले अपने मोहल्ले कि एक 16 वर्षीय लड़की की माता का निधन हो गया पिता का पहले ही देहांत हो चुका था उसकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी लिया।

राष्ट्रपति से सम्मानित विशाल राज खुद से बताते हैं कि किस प्रकार ऐसे कार्य को करने के रास्ते में असामाजिक कुर्तियां बीच में आती है, और हमें गिराने की पूरी कोशिश करती है फिर भी उनसे ना और समाज के लिए कुछ करके उनको जवाब देने का कार्य किया जाता है, अपने कॉलेज और साथ ही साथ गया शहर के बहुत लोगों को एनएसएस से जुड़ा और उन्हें उनका दायित्व समझाया गया शहर के कई इलाकों में पेड़ पौधे लगाए गए और साथ ही साथ कई सामाजिक कुरीतियों पर अभियान भी चलाए गए जिसमें रोड पर सेफ्टी रूल का ख्याल रखना अपने आसपास साफ-सफाई कर विशेष ध्यान नशा के खिलाफ भी नशा मुक्त अभियान शुरू किया गया जिसमें उन्होंने जिला प्रशासन के साथ भरपूर सहयोग मिलाl विशाल राज अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। वह कहते हैं कि इसमें उनके अभिभावक तुल्य शिक्षकों का भी अहम योगदान रहा।

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