उत्तर प्रदेश

घोसी सांसद अतुल राय रेप के तीन साल पुराने मुकदमे में बरी

-विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने सुनाया फैसला, समर्थकों में हर्ष

वाराणसी, 06 अगस्त। प्रदेश के घोसी लोकसभा से बसपा सांसद अतुल राय तील साल पुराने दुष्कर्म के मुकदमे में शनिवार को न्यायालय में बरी हो गये। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने जैसे ही ये फैसला सुनाया सासंद के समर्थक में हर्ष छा गया। कचहरी के बाहर समर्थकों ने मिष्ठान भी बांटा। सांसद के अधिवक्ता अनुज यादव ने मीडिया कर्मियों को बताया कि कोर्ट ने हमारे मुवक्किल को बरी कर दिया है। विशेष न्यायालय ने पाया कि पीड़िता की तरफ से पेश किए साक्ष्य विश्वसनीय नहीं हैं। साक्ष्य की फॉरेंसिक जांच भी हुई। उसकी रिपोर्ट से भी पुष्टि हुई कि सांसद को गलत तरीके से फंसाया गया था।

इस चर्चित मामले में न्यायालय ने 101 पेज के अपने फैसले में कहा कि संपूर्ण तथ्य, परिस्थितियों, विवेचना, साक्ष्यों और सुप्रीम कोर्ट के उदाहरण से कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि पीड़िता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य बयान न तो कोर्ट का विश्वास प्रेरित करने वाला विश्वासप्रद व विश्वसनीय है। न ही बेदाग और वास्तविक गुणवत्ता वाला है। अभियोजन पक्ष आरोपित सांसद अतुल राय पर आरोपित अपराध को साबित करने में पूर्णतया असफल रहा। ऐसे में आरोपित सांसद को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया जाना न्यायसंगत होगा।

बताते चलें कि दबंग छात्रनेता पृष्ठभूमि के अतुल राय जब सांसद नहीं थे तब बलिया की एक युवती (अब दुनिया में नहीं है) ने 01 मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता शहर के यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा थी। पीड़िता ने तहरीर के जरिये बताया कि अतुल राय से उसका जब परिचय हुआ तो मार्च 2018 में अतुल उसे अपनी पत्नी से मिलवाने की बात कहकर चितईपुर स्थित फ्लैट पर ले गए। उस समय कमरे में कोई नहीं था। उसी दौरान उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ ही इसका वीडियो बना लिया था। इसके बाद अतुल उसे ब्लैकमेल कर कई बार दुष्कर्म किया। विरोध करने पर अतुल राय उसे जान से मारने की धमकी देते थे। पीड़िता की तहरीर पर लंका पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अतुल की तलाश शुरू की तो वह भूमिगत हो गए। इसी दौरान वह घोसी से लोकसभा चुनाव जीत गये। इसके बाद उन्होंने 22 जून 2019 को वाराणसी न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया था। तब से वह जेल में है। इस समय सांसद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।

उधर, तमाम कानूनी दावपेंच के बाद न्याय नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए बीते साल अगस्त माह में में पीड़िता और उसके गवाह साथी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद को आग लगा कर अपनी जान दे दी थी। दोनों ने अपनी मौत का फेसबुक पर लाइव किया। दोनों की मौत के बाद प्रशासनिक हलके में हड़कम्प मच गया। इस मामले में प्रदेश शासन के निर्देश पर वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक को डीजीपी ऑफिस से अटैच करने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी कैंट राकेश कुमार सिंह और दरोगा गिरिजा शंकर यादव को निलंबित किया गया। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सांसद अतुल राय से मिलीभगत और दुष्कर्म पीड़िता व उसके गवाह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।

इसी मामले में निलंबित कैंट डीएसपी अमरेश सिंह बघेल को सांसद अतुल राय से मिलीभगत और रेप पीड़िता व उसके गवाह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में वाराणसी से जेल भेजा गया। इसी मामले में वाराणसी के तत्कालीन एसपी सिटी रहे विकास चंद्र त्रिपाठी को भी प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया था।

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