बिहार

 अतिथि सहायक प्रोफेसर ने लंबित वेतन भुगतान के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री से लगायी गुहार

सहरसा,17 नवंबर बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालय सहित मधेपुरा स्थित बीएनएमयू के विभिन्न कॉलेज और पीजी सेंटर में नियुक्त अतिथि सहायक प्रोफेसर संघ ने लंबित वेतन को निर्गत करने की गुहार लगाई है। गुरुवार को कोसी प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से राज्यपाल और सरकार से वेतन निर्गत करने की मांग पत्र भेजी गई है। जिसमें बीते 10 महीने से वेतन नहीं मिलने की जानकारी दी गई है।

बिहार राज्य अतिथि प्रोफेसर संघ के महासचिव डॉ दीपक कुमार यादव ने बताया कि प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी को मांग पत्र भेजा गया है। जिसमें बीते 10 महीने से महाविद्यालय अतिथि प्रोफेसर को वेतन नहीं मिलने से आर्थिक भूखमरी होने की जानकारी दी गई है। इस दौरान कई महोत्सव पर्व त्योहार हुए लेकिन फिर भी वेतन नहीं दिया गया। इसके बावजूद अतिथि प्रोफेसरों भूखे रह कर महाविद्यालय में लगातार कार्य करते आ रहे हैं।मार्च महीने के बाद कॉलेज और पीजी सेंटर में पढ़ा रहे अतिथि प्रोफेसर के वेतन निर्गत की कोई प्रक्रिया नहीं हुई है।अब उनकी हालात दयनीय हो गई है।उनके बच्चों का स्कूल फी,दूध सहित अन्य जरूरी कार्य के लिए लोगों से चिरौरी करनी पड़ रही है।

उन्होंने बताया कि जब उच्च शिक्षा में शिक्षकों की कमी का रोना रोया जाता था। उस समय में अतिथि प्रोफेसरों ने महाविद्यालय की गरिमा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। बीते तीन-चार वर्षों से बिहार के उच्च शिक्षा की दशा और दिशा को बदलने में अतिथि प्रोफेसरों का काफी योगदान रहा है। एक तरफ सरकार वेतन निर्गत में देरी कर जहां उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की नौबत ला रही है। दूसरी तरफ कई वर्षों से कार्यरत अतिथि प्रोफेसरों को अब हटाने की साजिश रच रही है। स्थायी बहाली की आड़ में यह खेल खेला जा रहा है। जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। उन्होंने आग्रह किया कि जल्द ही अतिथि प्रोफेसरों का वेतन निर्गत करें और उनकी छटनी पर रोक लगाएं।मौके पर दर्जनों अन्य अतिथि प्रोफेसर मौजूद थे।

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