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महिला बाल विकास मंत्री का रतिया सीडीपीओ कार्यालय में छापा, आधा दर्जन निलंबित

राशन और फोर्टिफाइड दूध वितरण में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई

जिला बाल परियोजना अधिकारी पर भी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को दिए निर्देश

फतेहाबाद महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय रतिया का औचक निरीक्षण करते हुए फोर्टिफाइड दूध वितरण में लापरवाही एवं ड्यूटी पर गैर हाजिर मिले स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए। उनके कार्यालय में औचक निरीक्षण से विभागीय अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति रही। पूरे घटनाक्रम में राज्यमंत्री ने जिला परियोजना अधिकारी को मौके पर ही तलब किया और लापरवाही के लिए लताड़ लगाई और उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने के आदेश उच्चाधिकारियों को दे दिए।

शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा नगर पालिका चुनाव के निमित रतिया पहुंची थी। इम्पीरियल गार्डन में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने उपरांत जब राज्यमन्त्री कमलेश ढांडा कार्यकर्ताओं के यहां निर्धारित चाय के कार्यक्रमों में जा रही थीं तो उन्होंने अचानक महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कार्यालय का निरीक्षण करने का मन बनाया। इसके तुरन्त बाद सीडीपीओ कार्यालय में पहुंचने के बाद राज्यमन्त्री कमलेश ढांडा ने हाजिरी रजिस्टर जांचा तो एक डाटा एंट्री आप्रेटर और अप्रेंटिस ही मौजूद मिला, जबकि थोड़ी देर में एक सुपरवाइजर पहुंची।

महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने वहां पर बड़ी मात्रा में रखे फोर्टिफाइड दूध के वितरण में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और वितरण नहीं किए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन सुपरवाइजर उचित जवाब नहीं दे पाई। कर्मचारियों की अनुपस्थिति और दूध वितरण में लापरवाही पर राज्यमन्त्री कमलेश ढांडा ने जिला परियोजना अधिकारी सीमा रोहिल्ला को तलब किया तथा पूरी स्थिति पर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड दूध का समय पर वितरण नहीं होना पाप के समान है।

यह दूध गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और बच्चों के पोषण स्तर को बढ़ाने के महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा है। इसमें लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने तत्काल महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कार्यालय में ड्यूटीरत सुपरवाइजर एवं लिपिकीय स्टाफ को तत्काल सस्पेंड करने तथा तथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यही नहीं जिला परियोजना अधिकारी द्वारा भी निगरानी में लापरवाही बरतने को गम्भीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों को उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए।

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