हरियाणा सरकार ने किया नौ विभागों का मर्जर
चंडीगढ़, 14 दिसंबर। कई माह की उठापटक के बाद हरियाणा सरकार ने नौ विभागों का विलय कर दिया है। इस विलय के साथ यह तय हो गया है कि हरियाणा में अब जल्द ही मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जाएगा।
मंत्रिमंडल के इस फैसले का असर गृहमंत्री अनिल विज पर पड़ा है। बुधवार को जब मंत्रिमंडल की बैठक में इस एजेंडे को पूरक एजेंडे के रूप में शामिल किया गया तो विज ने इस पर आपत्ति जताई। विज बैठक समाप्त होने से पहले ही बाहर आ गए। सोशल मीडिया पर चर्चा रही कि विज ने सरकार के फैसले पर असहमति जताई है। इस बीच विज ने एक शादी समारोह का फोटो वायरल करके डैमेज कंट्रोल भी किया।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार ने साफ किया कि निदेशालय, यूटिलिटीज और प्राधिकरण पहले की तरह काम करते रहेंगे। वरिष्ठता के कानूनी मुद्दों से बचने के लिए वर्तमान में किसी भी कर्मचारी काडर का विलय नहीं किया जाएगा।
निर्णय के अनुसार, अब नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभा को विद्युत विभाग के साथ विलय किया गया है और विभाग का नाम बदलकर ऊर्जा विभाग किया गया है। सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय विभाग अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का विलय करने के बाद इनका नाम इनका बदलकर सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय विभाग किया गया है।
उच्चतर शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का विलय एक सिंगल विभाग में किया गया है। इस विभाग का नाम उच्चत्तर शिक्षा विभाग किया गया है।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का पर्यटन विभाग में विलय किया गया है। इस विभाग का नाम बदलकर हेरिटेज और पर्यटन विभाग किया गया है।
वन एवं वन्य जीव विभाग तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का विलय कर इसका बदलकर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग किया गया है।
कला एवं संस्कृति विभाग का विलय सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के साथ किया गया है और इसका नाम बदलकर सूचना, जनसम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग किया गया है।
खेल विभाग से केवल युवा मामलों के घटक को निकाल कर कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग और रोजगार विभाग के साथ विलय किया गया है। विलय करने के बाद विभाग का नाम युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमशीलता विभाग किया गया है। नया विभाग कौशल, प्रशिक्षण व कौशल शिक्षा सहित युवा मामलों को व्यापक रूप से देखेगा।
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को भंग करने और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण तथा निजी आईटी को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के दायरे में लाने का फैसला किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के वर्तमान कार्यों को विभिन्न मौजूदा विभागों को आवंटित किया गया है। इसके तहत, आईटी उद्योग से संबंधित कार्य/विषयों को उद्योग विभाग को पुन: आवंटित किया गया है। ई-गवर्नेंस से जुड़े कार्य/विषयों और परियोजनाओं/शासन में आईटी के उपयोग को नागरिक संसाधन सूचना विभाग को फिर से आवंटित किया जाना जाएगा। हारट्रोन एक इकाई के रूप में रहेगा और उद्योग विभाग को आवंटित किया जाना चाहिए।
निगरानी एवं समन्वय विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग को एक मौजूदा विभाग जो सामान्य प्रशासन विभाग है, उसमें विलय कर दिया गया है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, हरियाणा लोक सेवा आयोग, सीईटी के संबंध में नीतियां, जो पहले मानव संसाधन विभाग को हस्तांतरित किए गए थे, उन्हें वापस ले लिया जाएगा और सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया जाएगा। इसके अलावा, आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग से वित्त विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
चकबंदी विभाग तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का विलय कर दिया गया है और इसका नाम बदलकर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग किया गया है। इसके अलावा, फायर सर्विस, फायर सेफ्टी निदेशालय को शहरी स्थानीय निकायों से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में स्थानांतरित किया जाएगा।